देहरादून:उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नहीं ले रही है. पार्टी नेता लाख दावा करे कि कि पार्टी एकजुट है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसका जीता जागता उदाहरण है प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत का प्रदेश की राजनीति से मोह भंग होना. बताया जा है कि हरदा प्रदेश कार्यकारिणी भंग होने के बाद से नाराज चल रहे हैं जिसके चलते अब उन्होंने प्रदेश की राजनीति को अलविदा कहकर असम में डेरा डाल लिया है. उनके इस कदम से उत्तराखंड कांग्रेस में चर्चाओं और अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है. देखिए Etv भारत की उत्तराखंड कांग्रेस से संबंधित ये रिपोर्ट.
गौर हो कि हरीश रावत द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी तीन महीने की छुट्टी का ऐलान करने के बाद हर कोई हैरान है. यह घटनाक्रम साफ-साफ बता रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं है. यूं तो हरीश रावत ने इसके पीछे अपने स्वास्थ्य को वजह बताया है, लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से उत्तराखंड में बीजेपी के सरकार विरोधी कार्यक्रमों को रद्द करने वाले हरदा एक दिन बाद ही असम जा पहुंचे.
ईटीवी भारत ने जब हरीश रावत से बात करने की कोशिश की तो पता चला कि वो असम में नागरिक संशोधन बिल को लेकर पूरी तरह सक्रिय हैं और प्रभारी होने के नाते राजनीतिक दौरे पर ही असम पहुंचे हैं. उधर उत्तराखंड में हरीश रावत के कार्यक्रम रद्द होने को कांग्रेसी नेता पार्टी के लिए चिंताजनक बता रहे हैं.
कुछ दिनों पहले तक गैरसैंण से लेकर विधानसभा घेराव करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का अचानक उत्तराखंड से क्यों मोहभंग हो गया, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है. जानकार बताते हैं कि हरीश रावत के आंदोलनों को विरोधी गुट एकला चलो की रणनीति बताकर हाईकमान को शिकायत कर रहा था.