देहरादून: देश दुनिया में जितनी तेजी से पर्यावरण दूषित और जलवायु परिवर्तन हो रहा है. ऐसे में पर्यावरणविद् आने वाले समय में राज्य के भीतर बड़े भू-स्खलन और सुनामी की चेतावनी दे रहे हैं. इसकी वजह ये है कि बीते कुछ दशकों से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ और सामजंस्य न बनाकर विकास करने का का नतीजा है कि आने वाले कुछ ही सालों में कई बड़ी विपदाएं झेलनी पड़ सकती हैं.
जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणविदों ने दी चेतावनी. उत्तराखंड राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन और आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है. लेकिन, जिस तरह से उत्तराखंड में प्रकृति के साथ खिलवाड़ और पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में वो दिन दूर नहीं है जब इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ सकता है.
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वहीं, पर्यावरणविद् के अनुसार, उत्तराखंड के जो बड़े शहर यानी देहरादून, उधम सिंह नगर और हल्द्वानी है. जहां लोगों की जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है, ऐसे में आने वाले समय में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 से 10 तक बढ़ जाएगा. सीधे तौर पर एयर पॉल्यूशन लोगों को प्रभावित करेगा. यही नहीं, प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह से पेड़ों का कटान हुआ है. ऐसे में आने वाले समय में भू-स्खलन से बहुत ज्यादा हानि होने वाली है. आने वाले समय में कई बड़े हिम सुनामी का भी सामना करना पड़ सकता है.
पर्यावरणविद् मनु सिंह ने बताया कि पेड़ों के कटान की वजह से जब बादल उत्तराखंड में खाली नहीं होंगे तो ठंडे क्षेत्र में एक साथ बादल के फटने जैसी घटनाएं होंगी, जिससे तबाही आएगी. वन के eco fragile system बनने में लाखों साल लग जाते हैं. यही वजह है कि अगर पेड़ों को काटकर एक पेड़ की जगह दो पेड़ भी लगाए जाएं तो वह जैव विविधता को बनाए रखने में असक्षम होते हैं.