देहरादून: कोरोना को हराने के लिए राजधानी में स्वास्थ्य विभाग लगातार जुटा हुआ है. वहीं, देहरादून में शासन का एक फैसला इन दिनों उसके लिए ही गले की हड्डी बन गया है. स्वास्थ्य संबंधी जरूरी सामान की आपूर्ति और आईसीयू निर्माण जैसी जरूरी चीजें एडवांस रकम देने के बाद भी नहीं मिल पा रही हैं.
स्वास्थ्य संबंधी जरूरी सामान की नहीं हुई आपूर्ति. कोरोना वायरस की जंग को जीतने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मी डटे हुए हैं. मरीजों के उपचार से लेकर क्वारंटाइन संदिग्ध मरीजों की देखरेख में चिकित्सक और महकमे का दूसरा स्टाफ जिम्मेदारी संभाले हुए हैं. वहीं, शासन के एक निर्णय ने स्वास्थ्य महकमे के पसीने छुड़ा दिए हैं.
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शासन ने स्वास्थ्य इक्विपमेंट्स और सामान की आपूर्ति के लिए एचएलएल को अधिकृत किया है. जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड यानी एचएलएल को एन95-मास्क, पीपीई किट समेत आईसीयू निर्माण जैसी महत्वपूर्ण काम दिए हैं. वहीं, संबंधित उपकरण के लिए एडवांस रकम देने के बावजूद भी अब तक सामान की डिलीवरी नहीं हो पायी है.
स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने बताया कि जब खरीद का आदेश देते समय एचएलएल को 10 दिन के भीतर जरूरी सामान की आपूर्ति करने के लिए कहा गया था. वहीं, एक महीना पूरा होने के बाद भी सामान की आपूर्ति नहीं की गई है. स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि कंपनी को दो नोटिस भी भेजे गये हैं.
वहीं, जब इसको लेकर अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत से बात की गई तो उन्हें नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इससे पता चलता है कि कोरोना से निपटने के लिए विभाग कितना गंभीर है, जहां विभाग के आलाधिकारियों की तरफ से जारी नोटिस की जानकारी ही नहीं है.