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उत्तराखंड में हेलीपैड और हेलीपोर्ट नीति को मिली मंजूरी, बढ़ेगा रोजगार, आम जनता को मिलेगा फायदा

Helipad heliport policy approved in Uttarakhand उत्तराखंड में हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट नीति 2023 को मंजूरी मिल गई है. आज कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने इस नीति को मंजूरी दे दी है. Dhami cabinet decisions

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उत्तराखंड में हैलीपैड और हैलीपोर्ट नीति को मिली मंजूरी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 4, 2023, 6:19 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 7:27 PM IST

उत्तराखंड में हैलीपैड और हैलीपोर्ट नीति को मिली मंजूरी

देहरादून: धानी कैबिनेट में हेलीपैड और हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी मिल गई है. हेलीपैड और हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी मिलने से जनता को बड़ा फायदा मिलेगा. इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश की तमाम खूबसूरत वादियों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट काफी कारगर साबित होंगे.

उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा जैसे हालात बनते रहते रहते हैं. ऐसे में किसी आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों के लिए हेलीपैड और हेलीपोर्ट की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट काफी कारगर साबित हो सकते हैं. यही वजह है कि प्रदेश में हेलीपैड और हेलीपोर्ट की संभावनाओं को देखते हुए सरकार प्रदेश में हेली नेटवर्क का जाल बिछाना चाहती है. जिसके तहत नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने 'उत्तराखण्ड हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट नीति 2023' तैयार की है. जिसे धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.

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इस नीति के तहत आम जनता भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकेगी. इस नीति में दो विकल्प रखे गए हैं. पहले विकल्प के तहत, जिसके पास करीब 1000 वर्ग मीटर या फिर करीब 4000 वर्ग मीटर की भूमि है वो अपनी भूमि को हेलीपैड या हेलीपोर्ट बनाने के लिए प्राधिकरण को 15 साल के लिए पट्टे पर भूमि दे सकते हैं. जिस पर प्राधिकरण हेलीपैड / हेलीपोर्ट बनाया जाएगा. जिसके अनुसार भूमि मालिक को हर साल 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर के अनुसार किराया या फिर प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा.

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दूसरे विकल्प के तहत, जिसके पास भूमि है वो प्राधिकरण के साथ 10 साल का एग्रीमेंट कर खुद सारा खर्च वहन कर हेलीपैड/हेलीपोर्ट को विकसित कर सकता है. ऐसे में आने वाले सभी खर्च पर, राज्य सरकार 50 फीसदी पूंजीगत सब्सिडी देगी. साथ ही उस हेलीपैड / हेलीपोर्ट से होने वाला सभी इनकम भूस्वामी का होगा. नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर ने बताया हेलीपैड बनाने के लिए करीब 10 से 20 लाख और हेलीपोर्ट के लिए करीब 2 से 3 करोड़ का व्यय होगा. आपदा के दृष्टिगत यह काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा उत्तराखंड में तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर हेलीपैड / हेलीपोर्ट नहीं हैं जिसके चलते तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में हेली नेटवर्क का जाल बिछाया जा सकता है.

Last Updated : Dec 4, 2023, 7:27 PM IST

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