मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी की सड़कें बदहाल (Bad roads of Mussoorie) हैं. सड़कों के बदहाल होने के कारण लोगों को तमाम परेशानियों (People upset due to bad condition of roads) से जूझना पड़ रहा है. सड़कों के गड्ढे में तब्दील होने से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में काफी समय लग जा रहा है. गड्ढायुक्त सड़कें सरकार के दावे को आइना दिखा रही हैं. प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सत्तारुढ़ होते ही गड्ढामुक्त सड़कों का नारा दिया था. इसके लिए एक साल की समय सीमा तय की गई थी. लेकिन साल दर साल बीतते गए लेकिन गड्ढायुक्त सड़कों को गड्ढामुक्त नहीं किया जा सका. कुछ सड़कों को छोड़ दिया जाए तो जिले की लगभग सारी सड़कों की हालत खराब है.
2 सितंबर को मसूरी गोलीकांड की बरसी पर मसूरी पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) को मसूरी की जनता ने अवगत कराया था कि सड़कें बदहाल हैं. मसूरी एक पर्यटक स्थल है. यहां पर देश-विदेश से हजारों की तादाद में पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं. मगर सड़कों के हालात देखकर पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है. कई वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. जिसमें कई लोग घायल होते हैं. लापरवाह लोक निर्माण विभाग को इससे कुछ लेना देना नहीं है. जिस पर मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तत्काल मसूरी के मालरोड के साथ सभी सम्पर्क मार्गों को जल्द ठीक करने के निर्देश दिये थे. जिस पर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी प्रमुख अभियंता एजाज अहमद के नेतृत्व में मसूरी की सड़कों का निरीक्षण करने पहुंचे, मगर ये निरीक्षण केवल खानापूर्ति तक ही सीमित रहा.
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