देहरादून:2012 का चर्चित अजय बरसाती हत्याकांड मामले में न्यायालय ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी है. न्यायालय ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को चार्जशीट मानते हुए तत्कालीन धारा चौकी प्रभारी पीडी भट्ट समेत सात पुलिसकर्मियों को आरोपी ठहराया है और अब इन आरोपियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा. न्यायालय ने सभी को समन जारी करते हुए एक फरवरी 2023 को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, कोतवाली की धारा चौकी पुलिस ने 12 सितंबर 2012 को चोरी के आरोप में अजय बरसाती को गिरफ्तार करने का दावा किया था. इसी दिन उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया. जहां अजय की तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने अजय को मृत घोषित कर दिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दिल का दौरा आया था.
मामले में पुलिस के एक अधिकारी ने आरोपी अजय के खिलाफ चोरी मामले में मुकदमा दर्ज किया था. कुछ दिन की जांच के बाद मुकदमे में एफआर लगा दी गई. इसके बाद अजय की पत्नी ने हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अर्जी दी. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की लखनऊ क्राइम ब्रांच ने सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अवैध हिरासत में रखने, हत्या और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
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पत्नी सुमन देवी ने अजय के साथ चौकी में मारपीट का आरोप लगाया था. तत्कालीन एसएसपी ने चौकी प्रभारी पीडी भट्ट, दारोगा बलदेव सिंह, दारोगा देवेंद्र गौरव, दारोगा विनय सिंह गुसाईं (मृत्यु हो चुकी है), दारोगा केसी भट्ट, कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह पटियाल, कांस्टेबल चंद्रप्रकाश और अनूप भाटी को सस्पेंड कर दिया था. सीबीआई ने भी शुरुआती जांच के आधार पर करीब एक साल बाद 27 सितंबर 2013 को स्पेशल सीबीआई मजिस्ट्रेट की कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी.
इसके खिलाफ अजय की पत्नी ने आपत्ति दाखिल की. सुमन ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने भी पुलिस अधिकारियों की तरह इसे सही से नहीं जांच किया है. क्लोजर रिपोर्ट सत्यता से परे है. इसमें न तो अजय के मोबाइल लोकेशन का जिक्र है और न ही मुख्य गवाह की गवाही है. न्यायालय ने भी सभी तथ्यों की जांच करते हुए पाया कि सीबीआई ने केवल मेडिकल रिपोर्ट और पुलिसकर्मियों की गवाही के आधार पर ही क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है.
स्पेशल न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई संजय कुमार की अदालत ने तत्कालीन चौकी प्रभारी पीडी भट्ट, दारोगा बलदेव सिंह, दारोगा देवेंद्र गौरव, कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह पटियाल, कांस्टेबल चंद्रप्रकाश, अनूप भाटी और कोतवाली के दारोगा केसी भट्ट को हत्या का आरोपी पाया. तथ्यों के आधार पर पाया कि अजय को 12 सितंबर 2012 को नहीं, बल्कि चार सितंबर 2012 को गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई. उसके शरीर पर गंभीर चोटें आईं. 12 सितंबर को जेल में तबीयत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई. अदालत ने इन सभी आरोपियों को एक फरवरी 2023 को पेश होने के आदेश दिए हैं.