देहरादून: सीएम तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक संकट के चलते इस्तीफा दे दिया है. लेकिन वे पूर्व में अपने बयानों के कारण खासे चर्चा में रहे हैं. उनके बयान पर लोगों ने जमकर चटकारे लिए, जिससे पार्टी और उनकी छवि की काफी छिछालेदारी हुई. सीएम तीरथ सिंह की तरफ से ऐसे बयान दिए गए, जिसको विपक्ष ने जमकर भुनाया और बीजेपी के लिए भी कई मौकों पर जवाब देना मुश्किल रहा.
सीएम तीरथ सिंह रावत के विवादित बयान से सोशल मीडिया पर उनकी जमकर फजीहत हुई थी. तीरथ सिंह रावत के बयानों पर छिड़े विवाद से देशभर में सियासत गर्मा गई थी. जिससे पार्टी को भी असहज कर दिया था.
विवादित बयान पर सीएम तीरथ की फजीहत
गौर हो कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत महिलाओं के पहनावे पर बयान देकर बुरे फंसे . राजनीतिक दलों से लेकर सोशल मीडिया तक तीरथ सिंह रावत के बयान की तीखी आलोचना की. सोशल मीडिया यूजर्स और राजनीतिक दलों ने कहा था कि सीएम तीरथ सिंह रावत को अपने बयान वापस लेते हुए राज्य के विकास पर ध्यान देना चाहिए.
पहली बार मिल रही चीनी
सीएम तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने विवादित बयानों के कारण लगातार सुर्खियों में हैं. उत्तरकाशी में पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम तीरथ ने कहा कि आजादी के बाद आज तक लोगों को आपदा के समय चीनी नहीं मिली है. लेकिन उनकी सरकार पहली बार राशन के साथ चीनी भी दे रही है. उन्होंने उत्तरकाशी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर राशन की मात्रा बढ़ा दी है.
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जिसमें पहली बार राज्य सरकार ने चीनी को भी शामिल किया है और कैबिनेट के प्रस्ताव के बाद तीन माह तक राशन के साथ चीनी भी मिलेगी.सीएम तीरथ ने कहा कि आजादी के बाद लोगों को आपदा के समय चीनी नहीं मिली थी, उनकी सरकार ने सभी कार्ड धारकों के लिए दो किलो चीनी देने का प्रावधान किया है. जबकि पहले भी हर यूनिट पर 800 ग्राम चीनी मिलती थी.