देहरादून: दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष को लेकर मंथन चल रहा है, लेकिन अभीतक किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई है. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष (leader of opposition in uttarakhand) की कुर्सी खाली है. इस कुर्सी पर किसे काबिज किया जाए, इसको लेकर कांग्रेस में माथापच्ची चल रही है. यही कारण है कि उत्तराखंड के तमाम बड़े नेता दिल्ली (congress meeting in delhi) में बैठक कर रहे हैं.
दिल्ली में बैठे हाईकमान को निर्णय लेना है कि उत्तराखंड (uttarakhand congress) में नेता प्रतिपक्ष (leader of opposition in uttarakhand) किसे बनाया जाए. कांग्रेस नेता गरिमा दसौनी ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश की तेरहवीं के बाद ही इस विषय पर मंथन किया जाएगा. उत्तराखंड कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व दिल्ली में बैठक करके नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मंथन कर रहा है. इसके साथ ही भविष्य की रणनीति भी तैयार की जा रही है. बहुत जल्द नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लग जाएगी.
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दरअसल, उत्तराखंड कांग्रेस में पहले से ही गुटबाजी देखने को मिल रही है. वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस के सामने बड़ी मुश्किल ये खड़ी हो गयी है कि वो नेता प्रतिपक्ष की कमान किसे सौंपे. क्योंकि आगामी चुनाव को देखते हुए हाईकमान को बहुत सी बातों को ध्यान में रखना होगा.
आलाकमान नहीं चाहता है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में खेमेबाजी शुरू हो जाए. इसीलिए आलाकमान बीच का रास्ता निकालने में लगा हुआ है. पार्टी के कुछ नेताओं की मानें तो शनिवार रात को उत्तराखंड कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से भी मिले थे. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी लगातार विधायकों से बातचीत कर रहे हैं. रविवार को भी नेता प्रतिपक्ष के नाम पर बैठकों का दौर चला और आज सोमवार को भी बैठक हो रही है.