देहरादून:लॉकडाउन का उल्लंघन करके यूपी से उत्तराखंड पहुंचे यूपी के निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को लेकर कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार के दवाब में अधिकारियों ने अमन मणि त्रिपाठी को बदरीनाथ जाने के लिए पास दिया था. तभी वो नियम-कानून को ताक पर रखकर यूपी से उत्तराखंड पहुंचे थे.
अमनमणि की तीर्थयात्रा पर कांग्रेस ने उठाया सवाल. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि यूपी के निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के दबाव में अधिकारियों ने 10 लोगों की टीम के साथ बदरीनाथ तक जाने का जो पास दिया था, वो अपना आप में चिंताजनक है.
बिष्ट का कहना है कि सरकार के दबाव में अधिकारियों ने मजबूर होकर ये पास दिया. यही कारण है कि कर्णप्रयाग के प्रशासन ने उन्हें वापस लौटाया. ये राज्य में चिंता का विषय है.
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बिष्ट का आरोप है कि एक तरफ मुख्यमंत्री प्रवासियों की वापसी को लेकर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय नहीं देते हैं और दूसरी तरफ यूपी के विधायक उत्तराखंड में सैर सपाटा कर रहे हैं. ये राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. कांग्रेस इसकी निंदा करती है. यूपी के नेताओं को राज्य में पर्यटक के तौर पर आवाजाही की अनुमति देना कोरोना के खतरे को बढ़ाने का काम कर सकता है.
बता दें कि यूपी के चर्चित पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के विधायक पुत्र अमन मणि त्रिपाठी पर प्रशासनिक अधिकारियों से अभद्रता करने का आरोप है. वह अपने 10 साथियों के साथ बदरीनाथ जा रहे थे. लेकिन उन्हें पुलिस टीम ने वापस लौटा दिया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ बदसलूकी की थी.
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मुनि की रेती थाना क्षेत्र के व्यासी में अमनमणि त्रिपाठी सहित तमाम लोगों के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. कुछ ही देर बाद थाने से सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
एसडीएम वैभव गुप्ता का कहना है कि दोपहर बाद तीन इनोवा कारों में 10 से अधिक लोग बदरीनाथ जाने की बात कर रहे थे. देहरादून से इन्हें अनुमति मिली हुई थी. अनुमति में उन्हें दो मई से सात मई तक बदरीनाथ व केदारनाथ भ्रमण के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पितृ कार्य के लिए अनुमति दी गई थी.