देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंत्री हरक सिंह रावत के विभागों की समीक्षा बैठक ली. हरक सिंह रावत पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री से नाराजगी को लेकर चर्चाओं में रहे हैं, लेकिन बैठक के दौरान उन्होंने अपने विभागों की तमाम योजनाओं और कार्य प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. इस दौरान सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. समीक्षा बैठक के दौरान हरक सिंह रावत के विभिन्न विभागों की अलग-अलग समीक्षा की गई साथ ही विभागों से जुड़े विभिन्न दिशा निर्देश भी अधिकारियों को दिए.
वन विभाग की समीक्षा
वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाए. ऑनलाइन बुकिंग के लिए ऐप विकसित किया जाए. इसको सेवा के अधिकार के तहत सम्मिलित किया जाए. चेकपोस्ट पर कैमरे की व्यवस्था एवं पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाए. वन विभाग द्वारा जहां भी वृक्षारोपण करवाया जा रहा है, उन वृक्षों की सुरक्षा के लिए सुनियोजित कार्य योजना बनाई जाए.
सीएम त्रिवेंद्र ने की मंत्री हरक के विभागों की समीक्षा.
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत ढेला ‘रेस्क्यू सेन्टर’ एवं पाखरो ‘टाइगर सफारी’ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है. गर्जिया टूरिज्म जोन की स्थापना की जा रही है. धनगढ़ी म्यूजियम का उच्चीकरण किया जा रहा है. पिछले तीन सालों में प्रतिवर्ष औसतन 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया. प्रदेश में 14.77 प्रतिशत क्षेत्र संरक्षित है, जो राष्ट्रीय औसत से तीन गुना है. राज्य में 2006 में बाघों की संख्या 178 थी, जो 2018 तक बढ़कर 442 हो गई है. हाथियों की संख्या 2017 तक 1839 थी, जो अब बढ़कर 2026 हो गई है. वर्षा जल संरक्षण की दिशा में 2 वर्षों में लगभग 68.37 करोड़ लीटर वर्षा जलसंचय की संरचनाओं का निर्माण किया गया. इस वर्ष 41 करोड़ लीटर जल संचय का लक्ष्य रखा गया है.
वन विभाग द्वारा पिछले तीन सालों में विभिन्न योजनाओं के तहत 1 लाख 20 हजार लोगों को रोजगार दिया गया. जायका परियोजना के तहत ग्रोथ सेंटर के माध्यम से संबंधित क्लस्टर फेडरेशन एवं स्वयं सहायता समूहों को तकनीकी प्रशिक्षण, मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, उत्पाद विकास एवं पैकेजिंग सम्बंधित कार्यों को फैसिलिटेट किया जा रहा है. वर्ष 2020-21 में 5 तथा वर्ष 2021-22 में 10 ग्रोथ सेन्टर्स की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है.
आयुष विभाग की समीक्षा बैठक
आयुष विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिये कि आयुष विभाग द्वारा लोगों को योग, प्राणायाम, डाइट चार्ट एवं आयुष से संबधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाए. कोविड के दौरान आयुष और होम्योपैथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकांश जगह पर लोगों को आयुष, होम्योपैथी एवं ऐलोपैथिक सुविधाएं मिल जाए. जिन जनपदों में आयुष विभाग का अपना भवन नहीं हैं, जिलाधिकारियों के माध्यम से लंबे समय से खाली सरकारी भवनों या स्कूलों में व्यवस्था की जाए. चरक डांडा में अन्तरराष्ट्रीय शोध संस्थान के लिए जल्द डीपीआर बनाई जाए.
बैठक के दौरान आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कोविड के दौरान आयुष विभाग द्वारा 2 लाख से अधिक काढ़ा के रूप में सुरक्षा किट वितरित की गई. आयुष विभाग द्वारा प्री कोविड और पोस्ट कोविड किट तैयार की गई है. सेवायोजन एवं कौशल विकास-सेवायोजन एवं कौशल विकास की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन 25 आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है. उनमें प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाए. समय एवं परिस्थितियों के साथ आईटीआई के स्वरूप में बदलाव लाना होगा. स्किल एवं लाइवलीहुड सेंटरों की मजबूती की दिशा में कार्य किए जाए. आधुनिकतम तकनीकी के साथ अभिनव प्रयोगों पर ध्यान देने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के औद्योगिक संस्थानों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिले. इसके लिए उद्योग विभाग की जिम्मेदारी तय की जाए.
श्रम विभाग की समीक्षा
श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वर्ष 2017 में उत्तराखंड दुकान और स्थापना अधिनियम में संशोधन किया गया. जिसके अंतर्गत दस से कम कर्मकार नियोजित करने वाले दुकानों एवं स्थापनां को पंजीयन की आवश्यकता नहीं रह गई है. पंजीयन एक बार किया जाएगा. नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है. कारखाना अधिनियम 1948 के अन्तर्गत महिला कर्मकारों को भी कारखानों में तीनों पालियों में कार्य करने की छूट दी गई है. कारखाना अधिनियम 1948 के अन्तर्गत कारखानों के लाइसेंस का नवीनीकरण 10 वर्ष तक किए जाने की व्यवस्था की गई है. जिससे व्यापार में सुगमता आई है.
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य में स्थापित समस्त कारखानों को 12-12 घंटे की दो पालियों में कार्य करने की अनुमति दी गई. जिसमें 4 घंटे ओवरटाईम के रखते हुए नियमानुसार भुगतान की व्यवस्था की गई. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत किए गए सुधारों में विभिन्न श्रम अधिनियमों/कारखाना तथा ब्वॉयलर अधिनियम के अंतर्गत पंजीकरण तथा नवीनीकरण का समस्त कार्य ऑनलाईन किया जा रहा है. कारखानों में थर्ड पार्टी निरीक्षण/ऑडिट की व्यवस्था शुरू की गई है. विभागीय वेबसाइट को उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम तथा भारत सरकार के श्रम सुविधा पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया गया है.