बारिश से उत्तराखंड में मचा हाहाकार देहरादूनःउत्तराखंड में मॉनसून की बारिश से आपदा जैसे हालात हो गए हैं. नदी नाले उफान पर बह रहे हैं तो जगह-जगह सड़कें बंद हैं. जलभराव की वजह से लोगों के घरों में पानी घुस गया है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खुद सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी मोर्चा संभाले हुए हैं. सीएम धामी ग्राउंड पर उतरकर स्थितियों का जायजा ले रहे हैं.
ग्राउंड पर उतरे सीएम धामी, जलभराव का लिया जायजाः देहरादून के कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. शिमला बाईपास क्षेत्र में लोगों के घरों में मलबा तक घुस गया है. दरअसल, लगातार कई घंटों से हो रही बारिश के बाद देहरादून के शिमला-बाइपास रोड के पास मौजूद बूढ़पुर नयागांव डूब गया है. पूरे गांव में भारी जल भर गया है. जिला प्रशासन द्वारा राहत बचाव कार्य किया गया, यहां से ग्रामीणों को बाहर निकाला गया है.
देहरादून के शिमला-बाइपास रोड के पास मौजूद बूढ़पुर नयागांव की स्थिति.
वहीं, आपदा की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही लगातार आपदा विभाग से जानकारी ले रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम धामी ने आईएसबीटी और क्लेमेंट टाउन के चंद्रबनी क्षेत्र का निरीक्षण किया. यहां स्थानीय लोगों से बातचीत में जलभराव की स्थिति और नुकसान का जायजा लिया. सीएम ने जिलाधिकारी को ISBT में ड्रेनेज की समस्या का शीघ्र समाधान करने एवं जल भराव के कारणों की जांच कर जो भी अधिकारी इसमें दोषी पाए जाते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
डोईवाला में उफान पर सुसवा नदी, बुल्लावाला में घरों में घुसा पानीःबारिश से सुसवा नदी उफान पर बह रही है. तटबंध न होने के कारण नदी के किनारे रह रहे लोग डर के साए में है. केमरी, दुधली, सिमलाश, माधोवाला, कुड़का वाला नई बस्ती के लोगों को बाढ़ का डर सता रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है सुसवा नदी में तटबंध न होने से हर साल किसानों के खेत नदी में समा जाते हैं.
हरिद्वार में डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने संभाला मोर्चाःपहाड़ों पर हो रही बारिश से हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. गंगा नदी चेतावनी स्तर के करीब बह रही है. जिसके चलते डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने खुद आपदा कंट्रोल रूम पहुंच कर मोर्चा संभाल लिया है. वहीं, एसडीएम बीएस बुदियाल भीमगौड़ा बैराज पहुंच स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि गंगा का जलस्तर अभी 292.80 मिमी पर बह रहा है. जबकि, चेतावनी स्तर 293.00 मिमी है. वहीं, खतरे का स्तर 294.00 मिमी है.
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रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी में डूबी शिव की मूर्तिःरुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का रौद रूप देखने को मिल रहा है. अलकनंदा नदी का खतरे का निशान 625 मीटर है, लेकिन नदी यहां खतरे के निशान के करीब 624 मीटर पर बह रही है. नदी किनारे स्थित सभी घाट और पैदल रास्ते भी जलमग्न हो गए हैं. आवासीय भवनों से कुछ ही दूरी अब नदी का पानी बह रहा है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से करीब 25 मीटर दूर एक विशालकाय भगवान शिव की मूर्ति स्थित है. नदी का जल स्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि शिव मूर्ति के गले तक पानी भर गया है.
रुद्रप्रयाग के घाट जलमग्न
श्रीनगर में सड़क बंद होने से फंसी रही एंबुलेंसः श्रीनगर में नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद हो गया है. सिरोबगड़ में मलबा आने से सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. लोगों को सड़क पर ही पूरी रात काटनी पड़ी. इतना ही नहीं एंबुलेंस भी फंसी नजर आई. वहीं, प्रशासन ने भी सिरोबगड़ में हाईवे बंद होने के कारण यातायात को डाइवर्ट कर दिया गया है. सभी वाहनों को डुंगरी पंथ खेड़ाखाल मार्ग से रुद्रप्रयाग भेजा जा रहा है.
टिहरी डैम का जलस्तर बढ़ाःपहाड़ों में हो रही लगातार बारिश से 42 वर्ग किलोमीटर तक फैली एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध का जलस्तर बढ़ने लगा है. ऐसे में टिहरी के आस पास बसे गांव में डर कर माहौल बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि जब बरसात में टिहरी डैम भरती है तो गांव के नीचे जमीनों में कटाव शुरू हो जाता है. साथ ही ग्रामीणों के मकानों में दरार पड़ने लग जाती है. टिहरी झील के आस पास बसे भलडगांव, उप्पू, रौलाकोट, बेरबागी, गडोली, मदन नेगी आदि के ग्रामीण दहशत में है.
आफत की बारिश से उत्तराखंड में मचा हाहाकार
चंपावत में पूर्णागिरि धाम मार्ग मलबा आने से बंदःचंपावत जिले में माता पूर्णागिरि धाम बाटनागाड़ में मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है. जिसके चलते कई तीर्थ यात्री फंस गए हैं. इसके अलावा पूर्णागिरि मार्ग पर पड़ने वाले गांव के लोगों को भी मार्ग बंद होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल, मलबा हटाने के लिए जेसीबी और पोकलैंड को लगाया गया है. अनुमान जताया जा रहा है कि 2 दिन के भीतर पूर्णागिरि मार्ग पर यातायात सुचारू हो जाएगा.
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ऋषिकेश में कई घरों में घुसा पानीःऋषिकेश में मूसलाधार बारिश की वजह से कई तटीय इलाकों में पानी घुस गया है. खासकर गंगानगर और श्यामपुर के भल्ला फार्म क्षेत्र की सड़कें जलमग्न हो गई. कई घरों के अंदर पानी घुस गया है. आलम ये है कि एसडीआरएफ को रेस्क्यू के लिए राफ्ट का इस्तेमाल करना पड़ा. एसडीआरएफ की टीम तटीय इलाकों में नजर बनाई हुई है. कोयल घाटी के पास भी गंगानगर क्षेत्र से आने वाला पानी का तेज बहाव लोगों को डराने में लगा है. गंगा का जलस्तर भी काफी बढ़ा हुआ है.