समान नागरिक संहिता पर बोले CM धामी देहरादूनः उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू की तैयारी तकरीबन अंतिम चरण में है. रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में कमेटी यूसीसी का मसौदा तैयार कर चुकी है. जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा. जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रतिबद्धता जता चुके हैं. सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि देश को समान नागरिक संहिता की जरूरत है. आज पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है. भले की कुछ लोग इसके खिलाफ हों, लेकिन यह सभी के फायदे के लिए है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए हमने एक समिति बनाई थी. समिति ने हितधारकों, विभिन्न समुदायों के लोगों से बात की और सभी के सुझाव सुने. अब समिति इसके आधार पर एक मसौदा बना रहे हैं. जल्द ही हम उत्तराखंड में यूसीसी के कार्यान्वयन के साथ आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि देश को समान नागरिक संहिता की जरूरत है. देशभर के लोगों की हमेशा से यही अपेक्षा रही है कि इस कानून को लागू किया जाए.
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सीएम धामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कहा गया था कि सरकार बनने के बाद यूसीसी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. उनकी सरकार को जनादेश मिला और सरकार बनते ही सबसे पहले यूसीसी के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया. आज पूरे देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा हो रही है. हालांकि, कुछ लोग इसके खिलाफ भी हैं. यूसीसी सभी के फायदे के लिए है.
गौर हो कि देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू करने वाला राज्य उत्तराखंड बनने जा रहा है. अब पूरे देश में इसे लागू करने की बात कही जा रही है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार भी उत्तराखंड के इसी मसौदे के जरिए देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में बढ़ सकती है.
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समान नागरिक संहिता क्या है? समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब हर नागरिक के लिए एक समान कानून है. चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो, सभी पर एक जैसा कानून लागू होगा. इसके तहत शादी, तलाक और जमीन जायदाद आदि के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही तरह का कानून लागू होगा. समान नागरिक संहिता एक निष्पक्ष कानून होगा, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है.