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उत्तराखंड में 2300 पदों पर होगी गेस्ट टीचरों की भर्ती, जीर्णशीर्ण स्कूल होंगे ध्वस्त

उत्तराखंड में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद जारी है. यही वजह है कि अब राज्य सरकार 2300 पदों पर गेस्ट टीचरों की भर्ती करने जा रही है. साथ ही आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी के 3 हजार पद भी भरे जाने हैं. इसके अलावा जीर्णशीर्ण स्कूलों के भवनों को भी सुधारने जा रही है.

CM Pushkar Dhami held Education department review meeting
उत्तराखंड में 2300 पदों पर होगी गेस्ट टीचरों की भर्ती

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Published : Nov 15, 2022, 7:19 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने 2300 पदों पर गेस्ट टीचरों की भर्ती पर सहमति जता दी है. साथ ही बीआरसी और सीआरसी के 950 पदों पर भी भर्ती को मंजूरी दी गई है. जबकि, स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी के 3 हजार रिक्त पद भरे जाएंगे. इसके अलावा हर जिले में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना की जाएगी.

दरअसल, सचिवालय में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक (CM Pushkar Dhami held review meeting) ली. जिसमें शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के साथ शिक्षा विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किए जाने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए. मुख्य रूप से बैठक में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को महीने में एक दिन स्कूलों में जाकर निरीक्षण करने को लेकर फैसला हुआ है.

उत्तराखंड में 2300 पदों पर होगी गेस्ट टीचरों की भर्ती.

वहीं, जिन स्कूलों के भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं, उनको ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही 2300 से ज्यादा गेस्ट टीचरों के पदों पर भर्ती का भी फैसला लिया (Guest teacher recruitment in Uttarakhand) गया है. इसके अलावा स्कूलों में खाली चतुर्थ क्लास के पदों को भरने पर भी सहमति बनी है. जबकि, बीआरसी और सीआरसी के पदों पर भर्ती की मंजूरी मुख्यमंत्री धामी ने दे दी है. वहीं, शिक्षक और अध्यापिकाओं के मेडिकल, मैटरनिटी लीव, चाइल्ड केयर लीव के दौरान कक्षाएं बाधित न हो, इसके लिए स्कूलों में पढ़ाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाएगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार के लिए आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी समय-समय पर स्कूलों की सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे. इसके लिए रोस्टर बनाया जाए. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षकों का मेडिकल रिम्बर्समेंट और सेवानिवृत्त होने के बाद जीपीएफ भुगतान समय पर हो जाए.
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शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई बड़े फैसलों पर बैठक में मुहर लगी. जिसके तहत स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत पर भर ले पर निर्णय लिया गया है. वहीं शिक्षकों के जिन पदों पर प्रमोशन होने हैं, उसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो जिलों में जाकर शिक्षक संगठनों के साथ बात करें. जिन हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में साइंस के टीचरों की कमी है, उन्हें अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरने को लेकर कैबिनेट में निर्णय भी लेकर आने वाले हैं.

उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों जो सुविधाएं प्रदान की जाती है, अशासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी वह सुविधाएं मिलेंगे. चाहे जूते हो, बैग हो या फिर नौवीं से 12वीं तक की निशुल्क पुस्तकें हो. ये सब अशासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को सरकारी स्कूलों की तरह मिलेंगे. बोर्ड परीक्षा परिणाम को सुधारने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया. साथ ही जो भी स्कूल जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं, उन्हें सुधारा जाएगा.

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत (Cabinet minister Dhan singh rawat) ने कहा कि विद्यालयों की परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (Performance Grading Index) स्कोर से संबंधित पोर्टल में सभी डाटा अपडेट करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. इस कार्य में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवक्ता और वरिष्ठ प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे हैं, इन्हें जल्द भरना होगा. सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को नियमित रूप से स्कूलों के निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
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