देहरादून: उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. लिहाजा चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सचिवालय में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर हो रही इस महत्वपूर्ण बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पर्यटन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज, परिवहन मंत्री चंदन राम दास के साथ ही बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय समेत शासन और विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे.
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य: उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा को लेकर कई नई व्यवस्थाएं की गईं हैं, जिसके तहत चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. लिहाजा इस बार रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है.
देश के सभी मुख्य सचिवों को लिखा पत्र: इसके लिए देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखा गया है, ताकि वो भी अपने राज्यों में चारधाम यात्रा की गाइडलाइन का प्रचार-प्रसार करें, ताकि चार धाम की यात्रा पर जो श्रद्धालु आना चाहते हैं, उन्हें समय से इसकी जानकारी मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे करीब दो-तीन सप्ताह के बाद जब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होगी, उसके बाद ही पता चल पाएगा कि श्रद्धालुओं में कितनी उत्सुकता है और कितनी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आना चाहते हैं. क्योंकि उम्मीद की जा रही है कि पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन करने पहुंचेंगे.
जोशीमठ में बनाया जाएगा आपदा का कंट्रोल रूम: मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम की महत्वपूर्ण बैठक में बीआरओ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे. हालांकि जोशीमठ से जो बदरीनाथ के लिए सड़क गुजरती है, उसको बीआरओ व्यवस्थित कर रहा है. जोशीमठ से बदरीनाथ रूट पर बीआरओ की पूरी टीम मौजूद रहेगी. साथ ही जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, ताकि अगर सड़कों में दरार पड़ती है तो तत्काल प्रभाव से उसका ट्रीटमेंट किया जाएगा.
क्योंकि अगर आधे घंटे के लिए भी सड़क मार्ग बाधित होता है तो श्रद्धालुओं को काफी लंबी भीड़ हो जाएगी. जिसके दृष्टिगत जोशीमठ यात्रा मार्ग पर पहले से ही तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई जाएंगी. मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने यह तय कर लिया है कि बदरीनाथ की यात्रा जोशीमठ रूट से ही संचालित की जाएगी.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की है प्राथमिकता: मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से जो श्रद्धालु आ रहे हैं, उनकी सुरक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है. ताकि धामों में धक्का-मुक्की और भीड़भाड़ की स्थिति उत्पन्न ना हो. हालांकि जब कोई नया निर्णय होता है तो कुछ लोगों को फायदा तो कुछ लोगों को नुकसान होता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का निर्णय अन्य राज्य से उत्तराखंड आ रहे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
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सभी राज्यों में पर्यटन विभाग स्थानीय भाषा में देगा विज्ञापन: मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि पर्यटन विभाग देश के सभी राज्यों में स्थानीय भाषा में विज्ञापन देने जा रहा है, ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को यह जानकारी मिल सके कि इस बार रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. विज्ञापन देने की मंशा के पीछे यह भी है कि एक ही दिन भारी संख्या में श्रद्धालु ना आए, बल्कि थोड़े-थोड़े करके श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आएं. ताकि धामों में एक साथ बहुत भीड़ इकट्ठा न हो पाए.
यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं होगी मुकम्मल: इसके साथ ही ट्रैक का रिपेयर, खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था हेली सेवाओं की व्यवस्था धामों में साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर करीब तीन घंटे की बैठक की गई है. मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले इस साल चारधाम यात्रा के संबंध में काफी अधिक काम हुए हैं. हालांकि, अभी चारधाम की यात्रा शुरू होने में समय बाकी है, लिहाजा सभी विभागीय अधिकारियों ने अपनी कार्य योजना दे दी है. ऐसे में उम्मीद है कि चारधाम की यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाओं को सही ढंग से मुकम्मल कर लिया जाएगा.