उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

8 महीने बाद शहीद राजेंद्र नेगी का शव मिलने पर सीएम ने जताया शोक, परिवार को पार्थिव शरीर का इंतजार - सीएम त्रिवेंद्र ने किया वादा

पिछले आठ महीने से लापता उत्तराखंड के जवान का शव मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शोक जताया है. सीएम ने शहीद के परिजनों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है.

dehradun
लापता जवान का मिला शव.

By

Published : Aug 17, 2020, 2:00 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 5:51 PM IST

देहरादून:उत्तरी कश्मीर में आठ महीने पहले बर्फ में फिसलकर लापता हुए उत्तराखंड के जवान राजेंद्र सिंह नेगी का शव बीते दिन कश्मीर के बारामुला जिले में स्थित गुलमर्ग इलाके से बरामद हुआ है. जवान का शव मिलने की सूचना के बाद से उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शोक जताते हुए उनके परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.

लापता जवान का मिला शव.

जानकारी के अनुसार, 11वीं गढ़वाल राइफल के शहीद हवलदार का पार्थिव शरीर 18 अगस्त को देहरादून लाया जाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि सेना के अधिकारियों को आशंका थी कि वो हिमस्खलन में दब गए होंगे. जवान के मिसिंग होने के बाद उनकी सेना के बड़े अधिकारियों और केंद्रीय गृहमंत्री से कई बार बात हुई थी. सेना के अधिकारी लगातार जवान को जीवित या मृत रिकवर करने का प्रयास कर रहे थे.

परिवार संग शहीद जवान राजेंद्र (फाइल फोटो).

पढ़ें-6 महीने से लापता हवलदार राजेंद्र नेगी शहीद घोषित, परिजन मानते हैं जिंदा !

हालांकि, आशंका यही थी कि वो हिमस्खलन की चपेट में आकर बर्फ में दब गए होंगे. ये आशंका सही साबित हुई. उनके शव को निकाल लिया गया है. राज्य सरकार का प्रयास है कि जवान के परिवार की हरसंभव मदद की जाए.

शहीद जवान राजेंद्र.

गौर हो कि 11वीं गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली जिले के रहने वाले हैं. कुछ सालों से वह देहरादून के अंबीवाला ग्रामीण क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहते थे.

बीती आठ जनवरी को गुलमर्ग में डयूटी के दौरान राजेंद्र एवलांच के कारण फिसलकर पाकिस्तान के बॉर्डर की तरफ गिर गए थे. काफी खोजबीन के बाद भी उनका शव नहीं मिल पाया था. आठ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उनका कोई सुराग न लगने के कारण सेना ने उन्हें बैटल कैजुअल्टी में शहीद घोषित कर दिया था. हालांकि, हवलदार नेगी की पत्नी और बच्चों सहित परिजनों ने उन्हें शहीद मानने से इंकार कर दिया था. परिजनों का कहना था कि जबतक राजेंद्र को लेकर किसी प्रकार का कोई सबूत सामने नहीं आता तब तक उन्हें शहीद कहना मंजूर नहीं है.

Last Updated : Aug 17, 2020, 5:51 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details