देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आत्मनिर्भर उत्तराखंड@25 समिट बोधिसत्व में भाग लिया. इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजयराघवन, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन उपस्थित रहे.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बोधिसत्व कार्यक्रम के माध्यम से समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है. 2025 तक उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास प्राकृतिक संपदा है. इस प्राकृतिक संपदा के सदुपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हिमालय को बचाने एवं प्रकृति के साथ संतुलन के लिए सभी को आगे आना होगा. प्राकृतिक संपदाओं एवं अन्य स्रोतों से राज्य की आय बढ़ाने की दिशा में भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं.
सीएम ने कहा कि हिमालयी राज्य होने के नाते उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां काफी अलग हैं. आपदा की दृष्टि से भी राज्य संवेदनशील है. किसी भी चुनौती से निजात पाने के लिए केंद्र सरकार का राज्य को हरसंभव सहयोग मिलता रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सबका सहयोग जरूरी है, जो भी जनसुझाव प्राप्त होंगे उनपर पूरा विचार किया जाएगा.
वहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड अभी युवा राज्य है, यहां अनेक प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं. उत्तराखंड के बहुमुखी विकास के लिए नये सिरे सोचना होगा, सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना होगा. उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा का हब तो है ही, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और प्रयास करने होंगे.
राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं. पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है. हाई वैल्यू एग्रीकल्चर के क्षेत्र में प्रयास करने होंगे. एरोमैटिक एवं मेडिसनल प्लांट, फ्लोरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर के क्षेत्र में उत्तराखंड में अपार संभावनाएं है. उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाए.