देहरादून:प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, अनूप चन्द्र पांडेय शामिल रहे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने कहा कि चुनाव निष्पक्ष हों. सरकारी महकमे की सबको उचित सुविधाएं मिलें.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ लोगों ने कहा कोविड के चलते दूर-दराज में पोलिंग का समय बढ़ाया जाए. शराब की वजह से जो चुनावी माहौल बिगड़ता है उसे पूर्ण तरह से प्रतिबंध किया जाए. चुनाव पर होने वाले खर्च को सीमित किया जाए. सांप्रदायिक भड़काऊ भाषणों पर रोक लगे. ईवीएम का प्रचार-प्रसार सॉन्ग हो.
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6 राजनीतिक दलों से हुई चर्चा: मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 6 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई. नए वोटरों को प्रोत्साहित करना और दिव्यांग वोटरों के अलावा 80 साल से अधिक के उम्रदराज वोटरों को सहूलियत दी जाएगी. महिलाओं का पंजीकरण, विकलांग औरतों का पंजीकरण और ट्रांसजेंडर का अधिक से अधिक पंजीकरण हो.
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1.9 लाख नए वोटर: मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि उत्तराखंड में 83.4 लाख कुल वोटर्स हैं. इस बार राज्य में 1.9 लाख नए वोटर्स आये हैं. इस बार 66 हजार 648 दिव्यांगजन वोटर भी हैं. 1 लाख 43,543 वोटर 80 साल से ऊपर की उम्र के हैं. सीईसी ने ये भी बताया कि 93 हजार नौकरी पेशा वोटर बाहर हैं.
चुनाव आयुक्त ने उत्तराखंड वासियों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की है. सुशील चंद्रा ने कहा कि इस बार उम्मीद है कि पोलिंग परसेंटेज बढ़ेगा.
दिव्यांगों-बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था: 5 पोलिंग बूथ दिव्यांग जनों के लिए अलग से होंगे. 80 वर्ष से ऊपर वाले बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलट मिलेंगे. अगर वह पोलिंग बूथ पर नहीं आ पाते हैं, तो उनके घर जाकर उनसे वोट लिया जाएगा. निर्वाचन आयोग की टीमें घर-घर जाएंगी. दिव्यांग जनों के लिए हर पोलिंग बूथ में व्हीलचेयर की व्यवस्था होगी. दिव्यांग जनों के लिए 66,700 वॉलिंटियर होंगे जो मदद करेंगे.
मतदान केंद्र बढ़ाए गए: मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोविड की वजह से जो पहले एक पोलिंग बूथ पर 1500 लोक वोटिंग करते थे उसे घटाया गया है. अब एक पोलिंग बूथ पर 1200 लोग ही वोट देंगे. इस कारण उत्तराखंड में 623 पोलिंग बूथ बढ़े. इस बार उत्तराखंड में कुल 11,447 मतदान केंद्र होंगे.
सभी पोलिंग बूथ पर मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. पानी और शौचालय की व्यवस्था रहेगी. 100 पोलिंग बूथ महिलाओं के लिए अलग से होंगे. इन बूथों पर सभी कर्मी महिलाएं होंगी.