देहरादून: साल 2023 के जनवरी महीने में उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के घरों, सड़कों में दरार की घटना ने न केवल राज्य बल्कि केंद्र को भी चिंता में डाल दिया था. इस घटना के बाद 9 एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर इस बात का अध्ययन किया था कि आखिरकार यह दरारें क्यों आ रही हैं और पहाड़ खिसक क्यों रहे हैं.
इसके साथ ही केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार ने इस बात का भी आकलन किया था कि जोशीमठ की स्थिति कैसे और कितने करोड़ रुपए में सुधारी जा सकती है. इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पूरी रिपोर्ट सौंप दी थी. अब केंद्र सरकार ने जोशीमठ को लेकर बड़ा निर्णय लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग ने उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखकर यह कहा है कि केंद्र सरकार तीन किस्तों में 1079.96 करोड़ रुपए देने जा रही है.
केंद्र देगा इतने पैसे:जोशीमठ में 800 से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जो अभी भी अपना घर छोड़कर उन स्थानों पर रह रहे हैं जहां पर सरकार ने उन्हें सुरक्षित रखा था. जोशीमठ को दोबारा से खड़ा करने की कोशिश राज्य सरकार की तरफ से की जा रही थी. लेकिन बिना केंद्र की सहायता के यह संभव नहीं था. पिछले साल जनवरी महीने में ही उत्तराखंड के जोशीमठ से यह दुखद खबर आई थी. एक के बाद एक कई वार्ड में ऐसे हालात बन गए थे कि सरकार को खुद होटल दुकानों और मकानों पर हथौड़े चलाने पड़े थे.
लगातार आंदोलन कर रहे जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के लोगों की यही मांग थी कि जल्द से जल्द राज्य सरकार इस पर कोई बड़ा फैसला ले. इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने संयुक्त काम करते हुए यह निर्णय लिया कि जोशीमठ की स्थिति को सुधारने के लिए जो भी प्रयास किये जा सकते हैं वह किए जाएंगे. केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन के निदेशक आशीष वी गवई ने उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही पहली राशि जोशीमठ के लिए जारी करने जा रही है. इसी साल जोशीमठ के लिए 500.73 करोड़ रुपए राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को सौंप दिए जाएंगे.
जल्द शुरू होगा जोशीमठ के सुधार का काम:आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा कहते हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से पत्र प्राप्त हो गया है. उम्मीद है कि जल्द से जल्द अब जोशीमठ में पुनर्निर्माण का काम तेजी से हो सकेगा. वैज्ञानिकों और केंद्र सरकार के अधिकारियों ने जो दिशा निर्देश 2023 में दिए थे, उन सभी का अध्ययन करते हुए इस काम को आगे तेजी से बढ़ाया जाएगा. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने जोशीमठ के उपचार के लिए 1658.117 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार करके भेजा था. साल की शुरुआत में ही केंद्र सरकार की इस तत्परता के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द से जल्द जोशीमठ के हालत सुधर सकेंगे.
ऐसे मिलेगी किस्त:केंद्र सरकार ने जो पत्र राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा है, उसमें कहा गया है कि जोशीमठ की कार्य योजना 1658.67 करोड़ रुपए की है. इस बजट में से 91.82 करोड़ रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी. जबकि 126.4 एक करोड़ रुपए राज्य आपदा मोचन निधि से खर्च होंगे. बाकी बची राशि 1439.94 करोड़ रुपए में से केंद्र सरकार 1079.96 करोड़ रुपए तीन किस्तों में देगी. पहली किस्त 500.73 करोड़ रुपए की होगी. दूसरी किस्त 338.25 करोड़ रुपए की होगी. आखिरी किस्त 240.98 करोड़ रुपए की होगी.
पीड़ितों को जो राशि दी जाएगी, इसकी मॉनिटरिंग लगातार राज्य और केंद्र सरकार दोनों करेंगी. इसके साथ ही जो इलाके बेहद संवेदनशील हो गए हैं, उन इलाकों को बसावट के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार भी चाहती है कि बदरीनाथ के मुख्य पड़ाव जोशीमठ में किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए. बदरीनाथ धाम देश के चार धामों में से एक है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
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