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नामांकन वापसी: कई रूठे नेताओं को मनाने में सफल हुई BJP, पूरे प्रदेश से इतने प्रत्याशियों ने वापस लिए नाम

नाम वापसी के आखिरी दिन बीजेपी ने कई नाराज कार्यकर्ताओं को मना लिया. जिसके बाद कई ने अपना वापस नामांकन वापस भी लिया, मगर अभी भी कई बीजेपी के ऐसे नेता हैं, जो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में ताल ठोक रहे हैं. जो आने वाले दिनों में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं.

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नामांकन वापसी के आखिरी दिन डैमेज कंट्रोल की कोशिशें

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Published : Jan 31, 2022, 8:49 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 9:38 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 727 उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए जाने के बाद सोमवार को नाम वापसी हुई. अब प्रदेश की 70 विधाननसभा सीटों पर 632 प्रत्याशी चुनावी मैदान में रह गये हैं. सोमवार को राज्यभर में 95 दावेदारों ने नामांकन वापस लिया. इससे पहले भाजपा और कांग्रेस ने अपने बागियों को मनाने के लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी थी, जिसमें वे कई हद तक कामयाब भी हुए. बावजूद इसके उत्तरांखंड भाजपा ने कुछ कुछ ऐसे कार्यकर्ता हैं जो चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं.

भाजपा की अगर बात करें तो 11 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जहां पर भाजपा कार्यकर्ता टिकट बंटवारे से नाराज थे. पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ इन लोगों ने निर्दलीय नामांकन भी किया था. पार्टी के नेताओं द्वारा किये गए निर्दलीय प्रत्याशियों से नाम वापसी के लिए पूरा जोर लगाया. जिसके बाद कुछ नेता मान गये हैं, लेकिन कुछ अभी भी चुनाव लड़ने के लिए मैदान में डटे हुए हैं.

नामांकन वापसी के आखिरी दिन डैमेज कंट्रोल की कोशिशें

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बता दें डोईवाला विधानसभा से निर्दलीय ताल ठोकने वाले असंतुष्ट पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष सौरभ थपलियाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष भट्ट और पूर्व प्रधान राहुल पंवार ने नाम वापस लेने की घोषणा की है. पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जानकारी दी कि हरिद्वार से जय भगवान सैनी, रुड़की से टेक बल्लभ और नितिन शर्मा समेत अनेक प्रत्याशियों ने भाजपा के पक्ष में नाम वापस लिया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डोईवाला से निर्दलीय नामांकन कर नाम वापस लेने वाले सैरभा थपलियाल और सुभाष भट्ट ने बताया कि पार्टी द्वारा उन्हें टिकट न देकर उनके साथ पक्षपात जरूर किया गया, लेकिन अब पार्टी के अनुरोध के बाद उन्होंने नाम वापस ले लिया है. वे पार्टी के प्रति अपने समर्पण का परिचय देंगे.

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वहींं, दूसरी तरफ कई विधानसभाओं में अभी भी भाजपा के ऐसे नाराज कार्यकर्ता हैं जो अभी भी चुनावी मैदान में डटे हैं. धनौल्टी से महावीर रांगड़, देहरादून कैंट से दिनेश रावत, धर्मपुर विधानसभा से बीर सिंह पंवार ऐसे प्रत्याशी हैं जो लाख कोशिशों के बाद भी नाम वापसी के लिए तैयार नही हुए. अब वे पूरी तरह से चुनावी मैदान में हैं. धर्मपुर देहरादून से भाजपा के नाराज कार्यकर्ता बीर सिंह पवांर एक मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं. यही वजह है कि भाजपा ने अपनी पूरी ताकत उन्हें मनाने के लिए झोंक दी, लेकिन बीर सिंह पंवार से संपर्क नहीं हो पाया.

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बताया जा रहा है कि बीर सिंह पंवार ने पिछले 2 दिनों से अपना फोन बंद किया हुआ है. पार्टी के लोग लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. बीर सिंह पंवार के समर्थक गिरिराज थपलियाल का कहना है कि बीर सिंह पंवार को धर्मपुर विधानसभा में जनता का अपार समर्थन मिल रहा है. यही वजह है कि धर्मपुर विधानसभा में भाजपा की हवाईयां निकली हुई हैं.

Last Updated : Jan 31, 2022, 9:38 PM IST

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