देहरादून: उत्तराखंड राज्य सरकार ने पीआरडी जवानों की समस्या को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, पीआरडी एक्ट 1948 में संशोधन किए जाने को लेकर बुधवार को हुए मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है. उत्तराखंड राज्य की परिस्थितियों के अनुसार पीआरडी एक्ट में संशोधन करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा गया था. जिसमें पीआरडी जवानों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किया गया है. जिस पर मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी है.
प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने बताया उत्तराखंड में अभी तब तक पीआरडी एक्ट 1948 लागू था, जो एक राज्य गठन के बाद से ही लगातार चलता आ रहा है. उत्तराखंड राज्य के पास अपना कोई पीआरडी एक्ट नहीं था. जिसे बुधवार को कैबिनेट के माध्यम से लाया गया है. संशोधित पीआरडी एक्ट में पीआरडी जवानों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है जिसमें पहले पीआरडी जवानों के सुरक्षा के दृष्टि से रजिस्ट्रेशन और भर्ती का प्रावधान था उसमें संशोधन किया गया है. ऐसे में अब टेक्निकल, चतुर्थ श्रेणी समेत अन्य विभागों में जहां पीआरडी जवानों की आवश्यकता हो उन्हें वहां पर समायोजित किया जा सकेगा.
पढ़ें-कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर दर्ज हुआ मारपीट का मुकदमा, सुरेंद्र सिंह नेगी ने करवाई क्रॉस FIR
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा पूर्व में पीआरडी जवानों और पीआरडी की गर्भवती महिला जवानों को किसी भी तरह की छुट्टी देने की व्यवस्था इस एक्ट में नहीं थी, लेकिन एक्ट लागू हो जाने के बाद अब पीआरडी जवानों को छुट्टी मिलने में आसानी होगी. साथ ही ऐसी महिलाएं जो गर्भवती हैं, उन महिलाओं को मातृत्व अवकाश देने की व्यवस्था इस एक्ट में की गई है. जिसके लागू होने के बाद ही इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. रेखा आर्य ने कहा मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा निर्णय लिया गया है.