देहरादून:उत्तराखंड की तीन मुख्य बोलियों को लेकर तैयार किये गए मोबाइल ऐप को एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है. प्रदेश के युवाओं को गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा बोलियों से जोड़ने का ये एप्प एक बढ़िया माध्यम बन सकता है. हाल ही में सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने इस ऐप को लॉन्च किया है, जिसका युवा आसानी से ले सकते हैं.
संस्कृति, रीति रिवाजों को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं का इससे जुड़ना बेहद जरूरी है जबकि, किसी भी देश प्रदेश की संस्कृति उसकी बोली उसकी भाषा से जुड़ी होती है. ऐसे भी अपनी बोलियों और भाषाओं को जानना भी काफी अहम हो जाता है. इसी को समझते हुए उत्तराखंड में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषाएं अब मोबाइल ऐप में शब्दकोश के जरिए समाहित की गई हैं. कर्नल (रिटा.) डॉ. डीपी डिमरी एवं उनके सहयोगियों ने उत्तराखंड की तीन क्षेत्रीय भाषाओं गढ़वाली, कुमांऊनी और जौनसारी पर बनाए गए मोबाइल ऐप 'आखर' शब्दकोष को तैयार गया है, जिसका हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विमोचन किया है.