देहरादूनः उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है. जिसे लेकर श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय कारोबारियों के चेहरों पर रौनक बढ़ गई है. यात्रा को लेकर भी लोगों में भारी उत्साह देखने मिल रहा है. अभी तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. जबकि, अभी तक 42 हजार से ज्यादा लोगों के ई-पास जारी किए जा चुके हैं.
बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. यात्रा शुरू होने से चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से चारधाम यात्रा शुरू होने से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी.
जानकारी देते पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर. ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड में बिना वैक्सीन NO Entry, नारसन बॉर्डर पर है ये व्यवस्था
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया. जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई है.
पर्यटन कारोबारियों को बांटी जा चुकी 7 करोड़ की धनराशिःपर्यटन विभाग की ओर से अब तक करीब 17 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है. यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराई जा रही है. मुख्यमंत्री इस बात का साफ संकेत दे चुके हैं कि यात्रा से जुड़े व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. जिसका असर धरातल पर दिखने लगा है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सरकार ने यह निर्णय लिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पर्यटन विभाग समेत अन्य व्यापारियों को हुए नुकसान के एवज में 200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया जाएगा. जिसके तहत अभी तक करीब साढे़ 17 हजार लोगों को सहायता राशि दी जा चुकी है. वहीं, पिछले साल करीब 35 हजार लोगों को सहायता राशि दी गई थी. साथ ही दिलीप जावलकर ने बताया कि पिछले साल 3 महीने के लिए यह योजना शुरू की गई थी, लेकिन इस बार 6 महीने के लिए यह योजना है.
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तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन हुआ स्थगितःमुख्यमंत्री धामी ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति की ओर से चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया.
बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यःचारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, प्रदेश के लोगों को पंजीकरण की कोई जरूरत नहीं है.
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इन राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सख्तीः वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.