ऋषिकेश:तीर्थनगरी ऋषिकेश और इसके आसपास के क्षेत्रों में गंगा में डूबकर जान गंवाने वालों की संख्या में इस साल तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई है. ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं. एसडीआरएफ के मुताबिक, बीते तीन महीनों में ऋषिकेश क्षेत्र में लगभग 17 पर्यटकों की गंगा में डूबने से मौत हो गई है. वहीं, इस सभी घटनाओं के पीछे लापरवाही ही सबसे बड़ी वजह रही है.
ऋषिकेश पहुंचकर गंगा की जल धारा में मौज मस्ती करनी पर्यटकों की जान पर भारी पड़ रही है. पिछले कुछ दिनों में पर्यटकों के गंगा में डूबने की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इस साल अभी तक लगभग 17 पर्यटक लापरवाही की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं.
गंगा में डूबकर फरवरी से अबतक 17 लोगों की मौत. पढ़ें-देहरादून: ISBT से रिस्पना सड़क का होगा चौड़ीकरण, मई के पहले सप्ताह से होगा काम शुरू
एसडीआरएफ इंचार्ज कविंद्र सिंह सजवाण (SDRF Incharge Kavinder Singh Sajwan) ने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से पर्यटक ऋषिकेश आते हैं. ऐसे में वह गंगा के किनारे प्रतिबंधित स्थानों पर जाकर नहाना शुरू कर देते हैं, जबकि पुलिस के द्वारा साइन बोर्ड लगाया हुआ है. साथ ही पत्थरों पर भी साफ तौर पर लिखा हुआ है कि यहां नहाना प्रतिबंधित है क्योंकि यह स्नान घाट नहीं है. साथ ही यहां नदी की गहराई भी अधिक है लेकिन इन सभी चेतावनियों को नजरंदाज कर पर्यटक गंगा में चले जाते हैं और यही लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ जाती है.
गंगा में डूबकर फरवरी से अबतक 17 लोगों की मौत. कविंद्र ने बताया कि गंगा का जल स्तर घटता और बढ़ता रहता है. ऐसे में गंगा की गहराई का अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. कविंद्र सजवाण ने बताया कि फरवरी से लेकर आज अप्रैल के इस डेट तक 17 लोगों की मौत गंगा में डूब कर हो चुकी है. एसडीआरएफ ने सभी घटनाओं पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान भी चलाया और हमेशा टीम राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहती है. आपको बता दें कि ऋषिकेश पहुंचने वाले पर्यटक गंगा को स्विमिंग पूल या गांव का तालाब समझकर नहाने के लिए गंगा में उतर जाते हैं. जिसकी वजह से वह अपनी जान गंवा रहे हैं.