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उत्तराखंडः 15 जून से अबतक 59 की आपदा में गई जान, सीएम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर जाना हाल

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मगंलवार को आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान वहां आपदा पीड़ितों से मुलाकात भी की. साथ सीएम की ओर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की गई. 15 जून से अभी तक राज्य में हुई आपदा के कारण 59 व्यक्तियों की मृत्यु, 55 व्यक्ति घायल, 12 लापता हुए हैं.

उत्तरकाशी आपदा

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Published : Aug 20, 2019, 7:08 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 7:41 PM IST

देहरादून:सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मगंलवार को उत्तरकाशी जिले में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने देहरादून में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि रविवार को मोरी तहसील के आराकोट-बंगाण क्षेत्र में बादल फट गया था. जिससे करीब 70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है. इस आपदा में 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग लापता है. वहीं 8 व्यक्ति घायल हुए है.

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मगंलवार को सीएम त्रिवेंद्र ने आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में ग्रांउड जीरो पर जाकर वहां के हालत का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने वहां चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का फीडबैक लिया. साथ ही मोटर मार्ग के पुल, पैदल पुल, सरकारी संपत्ति, सड़क, विद्युत और पेयजल लाइनों के हुए नुकसान का समस्त ब्योरा तलब किया.

मृतकों की लिस्ट

सीएम ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी. साथ ही मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा राशि देने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का एलान किया गया है. सीएम ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए है कि आपदा प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जाएगा. ताकि 51 गांव के लोगों का आम जनजीवन पटरी पर लाया जा सके.

जानकारी देते हुए सीएम त्रिवेंद्र

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आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई सामग्री

  • आपदा प्रभावितों के लिए शासन की ओर से 1000 किलोग्राम राशन (आटा, दाल, चावल), 2000 फूड पैकेट्स, 5000 लीटर पानी, 16000 लीटर का टैंकर, 300 कंबल, 50 टेंट, दवाइयां, आस्का व सोलर लाइट समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में आराकोट, मोरी और त्यूणी में भंडारित की गई है.
  • प्रभावित गांवों में खाद्यान्न व पेयजल आपूर्ति हेलीकॉप्टर के माध्यम से की गई है. इसके साथ ही कुछ गांवों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से उपरोक्त सामग्री पहुंचाये जाने का प्रयास किया जा रहा है.
  • मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी.
  • पशु, गौशाला और भवनों की क्षति का आंकलन किया जा रहा है.
  • 300 कर्मचारी खोज, बचाव एवं राहत कार्य में लगाए गए हैं.
  • स्वास्थ्य विभाग की चार टीमें क्षेत्र में लगाई गई हैं.
  • क्षेत्र में 10 हेलीपैड सक्रिय किए गए हैं और एटीएफ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
  • आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में गैस सिलेंडर उपलब्ध है. जरुरत पड़ने पर त्यूणी स्थित गोदाम से 150 गैस सिलेंडरों की व्यवस्था की गई है.
  • आराकोट में 150 कुंतल जलावन लकड़ी उपलब्ध कराई गई है.
  • राहत एवं बचाव कार्य हेतु भारतीय वायु सेना और नागरिक उद्यान के 4 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर आरा कोर्ट तक यातायात सुचारू हो गया है.
  • पुरोला क्षेत्र में अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए 6 जेसीबी, 2 पोकलैंड और एक कंप्रेसर काम कर रहे हैं.
  • 52 गांवो में से 40 में विद्युत आपूर्ति सुचारू हो गयी है. बाकि के 12 गांव में विद्युत आपूर्ति सुचारु किए जाने के लिए काम चल रहा है.
  • 12 गांव में जलापूर्ति बाधित होने के उपरांत अस्थायी जलपूर्ति सुनिश्चित की गई है.
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में एसडीआरएफ के अंतर्गत आपदा, राहत एवं निर्माण के लिए 320 करोड रुपए की व्यवस्था की गई है.
  • 15 जून से अभी तक राज्य में हुई आपदा के कारण 59 व्यक्तियों की मृत्यु, 55 व्यक्ति घायल, 12 लापता हुए हैं.
  • इसके साथ ही 62 बड़े और 263 छोटे पशुओं की हानि भी हुई है.
Last Updated : Aug 20, 2019, 7:41 PM IST

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