चंपावत:मां पूर्णागिरि धाम में लगने वाला मेला उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध मेला है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु शीष नवाने आते हैं. पूर्णागिरि मेला इस बार 11 मार्च यानी आज से शुरू होगा और 15 जून तक चलेगा. इस बार मेला 97 दिनों तक चलेगा. मेले का उद्घाटन चम्पावत विधायक कैलाश गहतोड़ी व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय करेंगे. वहीं बताया जा रहा है कि मेले के उद्घाटन समारोह में बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत भी शिरकत कर सकते हैं.
मां पूर्मागिरि का मंदिर टनकपुर से मात्र 25 किमी की दूरी पर स्थित है. मां के दरबार की गणना भारत की 51 शक्तिपीठों में की जाती है. मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि दक्ष प्रजापति ने एक बार यज्ञ का आयोजन किया और उसमें महादेव को छोड़कर सारे देवताओं को आमंत्रित किया गया था.
मां उमा पिता द्वारा पति महादेव का ये अपमान सहन नहीं कर सकी और यज्ञ कुंड में कूदकर प्राणों की आहूति दे दी थी. जैसे ही भगवान शिव को इस बात का पता चला वे काफी क्रोधित हुए और अपने गणों से दक्ष प्रजापति के यज्ञ को तहस-नहस करने का आदेश दिया. वहीं माता सती के शव को देखकर विलाप करने लगे.
जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने चक्र से महादेव के क्रोध को शांत करने के लिए माता सती पार्वती के शरीर के 64 टुकडे कर दिये और वहीं पर शक्ति पीठ स्थापित हुआ. इसी क्रम में पूर्णागिरि शक्ति पीठ स्थल पर सती पार्वती की नाभि गिरी थी.