देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में भू-धंसाव के बाद जो हालात बने हैं, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद नजर बनाए हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार जोशीमठ आपदा से जुड़ी हर अपडेट ले रहे हैं. वहीं, पूरे मामले में 10 फरवरी को पीएमओ में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा की अध्यक्षता में एक बड़ी बैठक होने जा रही हैं. जिसमें उत्तराखंड सरकार के अधिकारी पूरे मामले में अपडेट देंगे. वहीं, इस बैठक में पीएम मोदी के पूर्व सलाहकार रहे और वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे भी शामिल होंगे.
बताया जा रहा है कि पीएमओ की बैठक अचानक बुलाई गई है. क्योंकि जोशीमठ के अलावा पास के ही शहर कर्णप्रयाग में भी इसी तरह के हालत बन चुके हैं. वहां भी करीब 38 घरों में दरारें आ चुकी हैं. जिनमें से अधिकांश घर रहने लायक नहीं बचे हैं. यहां भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि मॉनसून आने से पहले जोशीमठ आपदा के बाद बनी स्थितियों पर काबू पा लिया जाए. क्योंकि मॉनसून में हालात ज्यादा खराब होने का खतरा बना हुआ है.
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दिल्ली में होने वाली बैठक में ओएसडी भास्कर खुल्बे के अलावा उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू, उत्तराखंड प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत कुमार के साथ-साथ एसडीआरएफ के अधिकारी भी मौजूद रहे है. वहीं बताया जा रहा है कि इस बैठक में उत्तराखंड आपदा मंत्री धन सिंह रावत भी उत्तराखंड से वर्जुअली जुड़ सकते हैं. इस बैठक में उत्तराखंड की तरफ से जोशीमठ के लिए बजट की मांग की जा रही है. इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद राज्य सरकार 15 फरवरी को होने वाले कैबिनेट बैठक में जोशीमठ को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती है.
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जोशीमठ में फिलहाल सरकार विस्थापन का काम कर रही है और तेजी से फैब्रिकेट मकानों को बनाया जा रहा है. आए दिन लगातार घरों में दरारें आ रही हैं. ऐसे में सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि पूरा जोशीमठ खतरे में नहीं है. जोशीमठ का एक हिस्सा है जो इस खतरे से जूझ रहा है.
लेकिन अफवाहों के चलते जोशीमठ को लेकर अच्छा संदेश नहीं जा रहा है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर इस पूरे हालात से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी के साथ लोगों के साथ खड़ी है. वहीं, चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ कस्बे के गांधीनगर और सिंहधार वार्ड में विभिन्न आवासीय भवनों में दरारों की स्थिति और जेपी परिसर मारवाड़ी में पानी के रिसाव का निरीक्षण किया.