थराली:कुलसारी के स्थानीय निवासियों ने क्षेत्र में प्रस्तावित रिवर ट्रेनिंग का विरोध करना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर लोगों ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से डीएम को पत्र भेजा. पत्र के माध्यम से ग्रामीणों ने रिवर ट्रेनिंग से कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई है.
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मंगलवार को ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने थराली के उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी से भेंट कर वास्तविक स्थिति से अवगत कराया. साथ ही उन्हें 1 साल पहले का एक चित्र एवं वर्तमान का एक चित्र भी दिया. जिसमें कहा गया है कि 1 साल पूर्व इस स्थान पर नदी के बीचों-बीच बड़ी मात्रा में मलबा एवं आरबीएम (रिवर बेस्ड मेटेरियल) था.
कुलसारी में प्रस्तावित रिवर ट्रेनिंग का विरोध. 6 माह पूर्व ही जिला प्रशासन ने रिवर ट्रेनिंग के माध्यम से आरबीएम साफ करवा दिया था. अब जिला प्रशासन ने इस स्थान पर रिवर ट्रेनिंग प्रस्तावित किया है, जिसकी नीलामी भी हो चुकी है. ग्रामीणों का कहना है कि नीलामी को निरस्त किया जाए, क्योंकि यदि इस स्थान पर फिर मलबा निकाला जाता है तो ग्रामीणों की कृषि योग्य भूमि एवं आवासीय क्षेत्र को भी नदी के बहाव से नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना है.
ग्रामीणों ने पट्टा निरस्त न करने की स्थिति और सरकारी राजस्व को देखते हुए उपजिलाधिकारी थराली से मांग की है कि आवंटित पट्टे में निर्धारित rbm की मात्रा का निर्धारण कर पट्टे का सीमांकन किया जाए. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि उक्त जगह पर rbm की जितनी मात्रा दर्शायी गयी है, उतनी मात्रा में rbm उस स्थान पर नहीं है.
इसलिए खनन सामग्री चोरी का भय लगातार बना हुआ है, जिससे काश्तकारों की कृषि भूमि को भी नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में चिन्हित भूमि का सीमांकन आवश्यक है. हालांकि उपजिलाधिकारी थराली ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि rbm निकासी से पहले रिवर ट्रेनिंग के सभी पट्टों का सीमांकन किया जाएगा.