चमोलीःरैणी गांव की आपदा की यादें एक बार फिर ताजा हो गई हैं. मंगलवार को एक साल बाद जोशीमठ ब्लॉक के तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना 520 मेगावाट की निर्माणाधीन टनल के अंदर से एक और शव बरामद हुआ है. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जोशीमठ भेजा है. शव की पहचान ऋषिकेश निवासी गौरव के रूप में हुई है. गौरव एनटीपीसी में इंजीनियर के पद पर तैनात थे. कंपनी के कर्मचारियों ने ही शव की शिनाख्त की है.
7 फरवरी 2021 को रैणी गांव में आई भीषण आपदा के बाद ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कई कर्मचारियों और मजदूरों की सैलाब की चपेट में आने से मौत हो गई थी. सेना, ITBP, NDRF और SDRF के द्वारा टनल के अंदर रेस्क्यू चलाकर कई शवों को बरामद किया गया था. लेकिन अभी भी टनल के अंदर जैसे-जैसे मलबा साफ हो रहा है. वैसे-वैसे मलबे के अंदर शव नजर आ रहे हैं.
अभी तक 86 शव बरामदः 7 फरवरी को चमोली के तपोवन क्षेत्र में रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आए जल सैलाब से भारी तबाही मची थी. जिसकी चपेट में आने से ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना और एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना में कार्यरत 204 लोग लापता हो गए थे. वहीं, 89 शव अब तक बरामद हो चुके हैं. आपदा के करीब एक साल बाद 15 फरवरी 2022 को टनल के अंदर से एक और शव बरामद हुआ है.
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चमोली हादसे की वजह: वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG) के वैज्ञानिकों ने जांच के बाद पाया कि करीब 5,600 मीटर की ऊंचाई से रौंथी पीक (Raunthi Peak) के नीचे रौंथी ग्लेशियर कैचमेंट में रॉक मास के साथ एक लटकता हुआ ग्लेशियर टूट गया था. बर्फ और चट्टान का यह टुकड़ा करीब 3 किलोमीटर का नीचे की ओर सफर तय कर करीब 3,600 मीटर की ऊंचाई पर रौंथी धारा तक पहुंच गया था, जो रौंथी ग्लेशियर के मुंह से करीब 1.6 किलोमीटर नीचे की ओर मौजूद है.