उत्तराखंड

uttarakhand

By

Published : May 19, 2020, 9:44 AM IST

Updated : May 19, 2020, 11:13 AM IST

ETV Bharat / state

विकास और धरोहर में जंग: ऐसा गांव जहां सड़क का हो रहा विरोध, जानिए पूरी कहानी

उत्तराखंड के ज्यादातर पहाड़ी गांव सड़क मार्ग से दूर हैं. लोगों की इच्छा होती है कि उनका गांव भी सड़क से जुड़े. लेकिन राज्य का एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग अपने गांव में आ रही सड़क का विरोध कर रहे हैं. हमारी विशेष रिपोर्ट में जानिए पूरा माजरा...

थराली
थराली

थराली:ग्रामीणों ने देवसारी-सरकोट-दमुथोल तोक मोटरमार्ग की कटिंग का विरोध करना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क अगर यहां से जाती है तो उनका पौराणिक जल स्रोत क्षतिग्रस्त हो जाएगा. इसके चलते उनको भविष्य में पानी के संकट से जूझना पड़ सकता है.

विकास और धरोहर में जंग

ग्रामीणों का कहना है कि पहला सर्वे जहां से हुआ था वहां से सड़क को नहीं ले जाया जा रहा है. वर्तमान में जहां से सड़क जा रही है वहां पर घना जंगल है. इससे न सिर्फ लाखों रुपए की वन सम्पदा को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि उनका पौराणिक जल स्रोत भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा.

बता दें कि आजादी के 70 साल बाद देवसारी के ग्रामीणों को सड़क मार्ग से जुड़ने का ये पहला मौका मिला है. इस सड़क के लिए देवसारी के ग्रामीणों ने शासन स्तर तक अपनी मांग उठाई थी. इसी सड़क के लिए ग्रामीणों ने 2018 में उपचुनाव का भी बहिष्कार किया था. इसके बाद देवसारी-सरकोट-दमुथोल तोक नाम से प्रस्तावित 8 किमी लंबी सड़क के निर्माण को स्वीकृति मिली थी. पेड़ों के छपान का कार्य भी शुरू कर दिया गया था. अब सरकोट के ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. सरकोट के ग्रामीणों की मांग है कि देवसारी की जो सड़क बमुथोल से होते हुए देवसारी जा रही है, वह सड़क यहां से न होते हुए कहीं दूसरी जगह से ले जाई जाए. ऐसा करने से उनका पानी का स्रोत बचा रहेगा और भविष्य में उनको पानी की कोई कमी नहीं होगी.

पढ़ें-छोटे व्यापारियों पर लॉकडाउन और कोरोना की दोहरी मार, तपती गर्मी में सता रहा आर्थिकी का संकट

ग्रामीणों ने बताया कि सरकोट गांव में लगभग 60 परिवारों के 350 से ज्यादा लोग प्रस्तावित सड़क से ठीक नीचे बने पानी के प्राकृतिक स्रोत पर निर्भर हैं. ऐसे में ग्रामीणों को डर सताने लगा है कि कहीं सड़क कटिंग से उनके गांव की प्यास बुझाने वाला एकमात्र स्रोत सूख न जाये. सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक प्रस्तावित सड़क मार्ग से लगभग 250 मीटर नीचे सरकोट के ग्रामीणों का पेयजल स्रोत है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्तावित सड़क से स्रोत की दूरी 50 मीटर ही है. ग्रामीणों ने पेयजल स्रोत को नुकसान पहुंचने की स्थिति में आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

Last Updated : May 19, 2020, 11:13 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details