देहरादून: प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा इन दिनों फिर सुर्खियों में है. पिछले एक हफ्ते में हुई लगातार दुर्घटनाओं के बाद अब 108 पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने 108 को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने 108 सेवा के लिए नियुक्त की गई नई कंपनी पर पुराने ड्राइवरों की अनदेखी का आरोप लगाया है. वहीं बीजेपी की तरफ से अजय भट्ट ने मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में देखना होगा कि वो क्या कर सकती है.
108 सेवा पर सियासत, कांग्रेस ने उठाए सवाल तो अजय भट्ट बोले- देखना होगा सरकार क्या करती है?
108 सेवा में पिछले एक हफ्ते में लगातार हुई तीन दुर्घटनाओं के बाद प्रदेश की सियासत तेज हो गई है. विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष ने इस सेवा के लिए नई नियुक्त की गई कंपनी पर पुराने ड्राइवरों की अनदेखी का आरोप लगाया है.
108 सेवा में पिछले एक हफ्ते में लगातार हुई तीन दुर्घटनाओं के बाद प्रदेश की सियासत तेज हो गई है. विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष ने इस सेवा के लिए नई नियुक्त की गई कंपनी पर पुराने ड्राइवरों की अनदेखी का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने हो रही दुर्घटनाओं के लिए अनट्रेंड ड्राइवरों को जिम्मेदार ठहराया है. इतना ही नहीं विपक्ष ने कंपनी के साथ ही सरकार को भी इस मामले में आड़े हाथों लिया है.
वहीं मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए अजय भट्ट ने कहा है कि 108 सेवा के लिए सभी मानक पहले से तय हैं. उन्होंने कहा कि यह कंपनी को निर्धारित करना है कि वह किस चालक को रखना चाहती है और किसे नहीं. हालांकि अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों को रोजगार मिले यह सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की कोशिश है कि किसी का रोजगार उससे ना छीना जाए. इसके अलावा अनट्रेंड ड्राइवरों के हाथों एंबुलेंस सेवा सौंपने के सवाल पर अजय भट्ट ने कहा कि यह सरासर गलत है और इस मामले को सरकार को देखना होगा कि वह क्या कर सकती है.