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देवभूमि में 108 सेवा को लेकर सियासत तेज, आरोप-प्रत्यारोप दौर जारी

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Published : May 5, 2019, 11:54 PM IST

उत्तराखंड में राजनेता 108 को लेकर लगातार राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर 108 सेवा को बंद करने का आरोप लगा रहे हैं.

उत्तराखंड में 108 सेवा पर हो रही राजनीति.

देहरादून: इन दिनों आपातकालीन सेवा 108 अपने बुरे दौर से गुजर रही है और इसमें काम करने वाले करीब 700 से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगारी होने की कगार पर हैं. बावजूद इसके राजनेता 108 को लेकर जमकर राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी नेता देवेंद्र भसीन का कहना है कि 108 सेवा भाजपा सरकार में शुरू की गई है. जिसके चलते कांग्रेस इस योजना को ठप करने की कोशिश में लगी हुई है. वहीं, कांग्रेस ने इसे बीजेपी की नादानी करार दिया है.

उत्तराखंड में 108 सेवा पर हो रही राजनीति.

बता दें कि उत्तराखंड में आपातकालीन सेवा भाजपा की सरकार में शुरू हुई थी. घायलों और गर्भवती महिलाओं को समय से उपचार दिलवाने की जिम्मेदारी संभालने वाली आपातकालीन 108 अब बदहाल स्थिति में है. इसकी बदहाली की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 2 महीने में ये सेवा लगभग ठप पड़ी है.

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गौरतलब है कि पुरानी कंपनी जीवीके के बदले नई कंपनी कैंपनी कम्युनिटी एक्शन फॉर मोटिवेशनल प्रोग्राम को आपातकालीन सेवा 108 चलाने की जिम्मेदारी दी गई है. जीवीके कंपनी को हटाए जाने और कैंप कंपनी को लाने के सरकार के फैसले के बाद लगभग 700 से ज्यादा कर्मचारी अपनी सैलेरी बढ़ाए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. जिसको लेकर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के नेता इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं.

वहीं, कांग्रेस नेता आर पी रतूड़ी का कहना है कि ये बीजेरी की नादानी है. भाजपा को आपातकालीन सेवा का संचालन करने नहीं आ रहा है. जिसके चलते वे कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी का कांग्रेस पर आरोप लगाना नाच ना जाने आंगन टेढ़ा जैसी कहावत को साकार कर रहा है.

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