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स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इंदिरा हृदयेश ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- सरकार ने नहीं किया जमीनी स्तर पर काम - परिवहन सेवा

विधानसभा सत्र के छठें दिन इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन दिनों प्रदेश के सारे प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जिसके कारण लोगों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है.

इंदिरा ने सरकार पर साधा निशाना.

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Published : Feb 20, 2019, 6:03 PM IST

देहरादून: छठें दिन विधानसभा सत्र की कार्यवाही सुचारु रूप से चली. सदन की कार्यवाही में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मौजूद रहे. सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने अपने सवालों से सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की इस दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि बीजेपी की सरकार में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमर्रा गईं हैं.

इंदिरा ने सरकार पर साधा निशाना.

विधानसभा सत्र के छठें दिन इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया.इंदिरा ने कहा कि इन दिनों प्रदेश के सारे प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जिसके कारण लोगों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा के मामले में पूरी तरह फेल हुई है. आयुष्मान योजना से मिलने वाले लाभ पर बोलते हुए इंदिरा ने कहा कि सरकार जनता को भटका रही है. उन्होंने कहा कि जनता केवल आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड लेकर घूम रही है लेकिन इलाज नहीं करवा पा रही है. इंदिरा ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जमीनी स्तर पर कोई काम भी नहीं किया है.

इंदिरा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में जनता सरकार को जवाब देगी. सरकार चिकित्सा व्यवस्था के साथ मजाक कर रही हैं. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में बसों की हालत पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की बसें की खस्ताहाल हैं.

इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रदेश सरकार 50 साल पहले बनी वर्कशॉप का अभी भी इस्तेमाल कर रही है. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बसों की स्थिति क्या होगी? इंदिरा ने कहा कि प्रदेश में बसों की हालत को देखते हुए साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इस सरकार परिवहन के क्षेत्र में काम नहीं करना चाहती है. जिसका खामियाजा भोली भाली जनता को भुगतना पड़ता है.

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