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पंचायत चुनावः शिक्षा की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग, हरदा बोले- जल्दबाजी में लिया गया फैसला

विधानसभा में पंचायत चुनावों को लेकर पास किए विधेयक पर गतिरोध बढ़ता जा रहा है. पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी शिक्षा की अनिवार्यता को लेकर भाजपा सरकार पर चुटकी ली है.

पंचायत चुनाव

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Published : Jul 1, 2019, 6:01 AM IST

Updated : Jul 1, 2019, 6:57 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा में हाल ही में पंचायत चुनावों को लेकर पास किये गये विधेयक का विरोध किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी विशेष सत्र में पंचायत चुनावों को लेकर पास किये गये विधेयक में शिक्षा की अनिवार्यता को लेकर भाजपा सरकार पर चुटकी ली है. हरीश रावत ने कहा कि बड़े-बड़े मंत्री फर्जी डिग्री वाले है और भाजपा प्रधान के लिए डिग्री मांग रही है.

पंचायत चुनाव से संबंधित विधेयक पर हरदा ने जताई आपत्ति.

हरीश रावत का इशारा रमेश पोखरियाल निशंक की तरफ था. पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पास किये गये विधेयक पर बहस बढ़ती जा रहा है. वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि भाजपा में बड़े बड़े मंत्री फर्जी डिग्रियों वाले हैं और ये प्रधान से डिग्री मांग रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा को व्यवहारिकता को ध्यान में रख कर फैसला लेना चाहिए था. ये जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. रावत ने हाल ही में हुए विशेष सत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें पंचायत चुनावों को लेकर लाया गया विधेयक बहुत ही जल्दबाजी में लाया गया है. हरीश रावत ने कहा कि इस नये नियम के लागू होने को लेकर असमंजस वाली स्थिति है,

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उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्राम प्रधान के प्रत्याशी के लिए हाईस्कूल शैक्षिक योग्यता रखी है जो कि किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है. हरीश रावत ने कहा कि शैक्षिक योग्यता के चलते गांवों में वार्ड मेंबर के लिए लोग नहीं मिलते है और ग्राम सभाओं का गठन नहीं हो पाता है और अब ये सरकार इस तरह के नियम लाकर ग्राम सभाओं के गठन में और समस्या खड़ी कर रही है.

हरीश रावत ने इसी पर भाजपा की चुटकी लेते हुए कहा कि लोग कैबिनेट मंत्री होते जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बड़े हास्य लहजे में कहा कि लोग झूठी डिग्रियां लेकर बड़े बड़े मंत्री होते जा रहे हैं. उन्होने कहा कि राजनीति में कुछ निर्णय अनुभव के आधार पर भी होते हैं. केवल डिग्री ही पैमाना नहीं होना चाहिए और सामान्य शिक्षित जागरुक व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार होना चाहिए.

Last Updated : Jul 1, 2019, 6:57 AM IST

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