देहरादूनःराज्य में लोकसभा चुनाव का प्रचार-प्रसार अपने चरम पर है. सभी पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. पिछले कई दिनों से उत्तराखंड की बीजेपी सरकार पर तमाम आरोपों के साथ चार्जशीट का दावा कर रही कांग्रेस ने रविवार को सरकार के खिलाफ एक चुनौती पत्र जारी किया.
कांग्रेस की चार्जशीट पर बीजेपी ने अपनी सुविधानुसार जवाब दिए. जिसके बाद बीजेपी ने भी बिना समय गंवाए इस चुनौती पत्र पर पलटवार करते हुए अपने जवाब दिए. हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के सवालों का कम और अपने अनुकूल जवाब ज्यादा दिए. चुनावी दौर है, लिहाजा आरोप-प्रत्यारोप लगना लाजमी है. ऐसे में उत्तराखंड कांग्रेस ने सत्तासीन बीजेपी पर पहले चार्जशीट बोलकर, लेकिन अब चुनौती पत्र जारी कर तमाम सवाल सत्ताधारी दल बीजेपी से पूछे, वहीं चुनावी माहौल को बरकरार रखते हुए बीजेपी ने भी फटाफट अपने जवाब दिए.
आप भी देखिए कुछ कांग्रेस के सवाल और उस पर बीजेपी का जवाब
कांग्रेस का पहला सवाल- आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहने की नौबत क्यों आई कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है?
बीजेपी का जवाब- उत्तराखंड राज्य का विकास नहीं हुआ तो विकास दर कैसे बढ़ गई ? उत्तराखंड में काम नहीं हुआ तो प्रति आए व्यक्ति कैसे बढ़ गई ? अर्थव्यवस्था का आकार कैसे बढ़ गया ? बीजेपी ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि उत्तराखंड की विकास दर 5.91% थी जो कि 2018-19 में बढ़कर 7.03% हो गई.
इस सवाल के जवाब में बीजेपी ने कांग्रेस के सवाल के बदले अपने बनाये सवाल का जवाब दिया. विकास और काम की बात कांग्रेस ने पहले सवाल में नही की थी. सवाल था न्यायालयों में भय का माहौल क्यों है?
कांग्रेस का दूसरा सवाल- कांग्रेस ने पूछा कि आधी रात को ऐसी कौन सी नौबत आ गई थी कि सीबीआई के अफसर को बदल कर उसे गिरफ्तार करना पड़ा ?
बीजेपी का जवाब- बीजेपी ने नोटबंदी की बात की और कहा कि कांग्रेस जो नोटबंदी पर सवाल पूछ रही है तो उनका भी एक सवाल है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि भारत की नोटबन्दी से विकास दर 2% गिर जाएगी मगर मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की न केवल सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था है बल्कि कांग्रेस 11वीं पायदान पर जिस अर्थव्यवस्था को छोड़कर गई थी, आज वह अर्थव्यवस्था छठे नंबर पर है.
हालांकि यह जवाब भी बीजेपी का अपना ही सवाल है और इस जवाब में भी बीजेपी ने एक सवाल ही किया है. इसी तरह से अगर हम कांग्रेस के पूरे चुनौती पत्र या फिर जिसे वह चार्जशीट का नाम दे रही है उसे पढ़ें और उसके बाद बीजेपी के जवाबों को पढ़ें तो दोनों में विरोधाभास नजर आ रहा है, जहां एक तरफ कांग्रेस ने तमाम ऐसे सवाल उठाए हैं जो कि पिछले लंबे समय से उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने जवाब बिल्कुल अपने हिसाब से दिए हैं, जो कि बीजेपी अमूमन बोलती आई है.
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ऐसे में कांग्रेस का यह चुनौती पत्र और उस पर बीजेपी का जवाब कोई खास समाधान लेकर आई है, ऐसा कहा नहीं जा सकता है.