खुटानी जल विद्युत परियोजना का विरोध बागेश्वर: पिथौरागढ़ और बागेश्वर के मध्य सिसरोली गांव में बन रहे खुटानी जल विद्युत परियोजना के विरोध में उतरे ग्रामीणों में दो फाड़ हो गया है. गांव का एक गुट जल विद्युत परियोजना के विरोध में धरने में बैठा है तो, दूसरा गुट परियोजना का समर्थन कर रहा है. वहीं, ग्राम प्रधान ने विरोध करने वालों पर धमकी देने का आरोप लगाया है.
खुटानी जल विद्युत परियोजना को लेकर ग्रामीणों ने कहा इस परियोजना के कारण गांव में जगह-जगह मकानों में दरारें पड़ गई है. जिस कारण ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हो रहे हैं. स्कूली बच्चों और महिलाओं का हाल और बुरा हो गया है. परियोजना का हम विरोध नहीं कर रहे है, बस हमें विस्थापित किया जाए, यही हमारी मांग है.
पूर्व प्रधान दीपक कुमार ने बताया परियोजना के गांव में आने से पहले हमे कुछ और कहा गया था पर कुछ और हो रहा है. हमसे कहा गया था कि योजना से गांव में कुछ असर नहीं होगा, लेकिन आज हम डर के साए में जीने को मजबूर हो गए है. हमें जल्द से जल्द कही और विस्थापित किया जाए, वरना धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
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वहीं परियोजना के समर्थन वाले गुट ने कहा योजना के आने से गांव में पहली बार सड़क पहुंची है. जबकि सड़क के लिए कई साल से आंदोलन कर रहे थे. वहीं, परियोजना के आने से गांव के युवाओं को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा परियोजना का जो लोग विरोध कर रहे है, वो केवल अपने फायदे के लिए अन्य लोगों को भी गुमराह कर रहे हैं. ये लोग मोटी रकम वसूलने के लिए इस तरह का विरोध कर रहे हैं. परियोजना से किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है. कंपनी लगातार गांव के हित में काम कर रही है.
ग्राम प्रधान कविता ने बताया ग्रामीणों का परियोजना में किसी तरह का विरोध नहीं है, पूर्व प्रधान बाहरी लोगों को यहां लाकर लगातार विरोध कर रहा है. जबकि ग्रामीणों का इस विरोध से कोई मतलब नहीं है. कल इन लोगों के द्वारा मुझे और मेरे पति को धमकी भी दी है. जिस कारण मुझे काफी डर भी है. कही ये मेरे पति के साथ कुछ गलत न कर दें. हमें जबरन अपनी तरफ परियोजना का विरोध करने के लिए कहा जा रहा है. जबकि योजना से गांव को फायदा ही हुआ है.
खुटानी जलविद्युत परियोजना के मैनेजर अशोक सिंह ने बताया परियोजना 21 मेगावाट की है, जिसकी लंबाई 45 मीटर है. उत्तराखंड सरकार को इसकी बिजली बनाई जाएगी. गांव में योजना आने से पहले सभी ग्रामीणों की अनापत्ति भी ली गई थी. आज कुछ बाहरी लोग यहां आकर जबरन कार्य में बाधा डाल रहे है. जबकि 90 % ग्रामीणों का इसमें विरोध भी नहीं है. कुछ बाहरी लोग यहां आकर कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे है.