बागेश्वर:बागेश्वर के अरैब हसन ने अपने दिल्ली के दोस्त नितिन भारद्वाज के साथ 5,312 मीटर ट्रैल दर्रे को सफलता पूर्वक फतह कर लिया है. नंदा देवी एवं नंदा कोट के बीच में पिंडारी ग्लेशियर के शीर्ष में फैले ट्रैल दर्रे को इस दल ने 4 अक्टूबर को पार किया. ट्रैल दर्रे को पार करने वाला यह 20वां दल बन गया है. 1830 से अब तक 88 अभियान दलों में से केवल 20 दल ही ट्रैल दर्रे को पार सके हैं.
बागेश्वर के अरैब हसन सउदी अरब में एक कंपनी में जॉब करते हैं. जबकि उनके बचपन के दोस्त नितिन भारद्वाज गुड़गांव में इंजीनियर हैं. बचपन से साथ पढ़े अरैब और नितिन का प्रकृति का साथ काफी लगाव है. दोनों एक साथ ओडिन पास, मयाली पास, नंदीकुंड, रूपकुंड सहित कई दर्रे नाप चुके हैं. इसके साथ ही पिंडर घाटी में पिंडारी ग्लेशियर का ट्रैक करने के बाद बल्जूरी चोटी भी फतह कर चुके हैं.
अरैब हसन ने बताया कि दो साल पहले ही इन्होंने विश्व प्रसिद्व ट्रैल दर्रे को फतह करने की योजना बनाई और कोरोना में छूट मिलते ही पिंडर घाटी के वाच्छम और जातोली से एक गाइड और 4 पोर्टरों की मदद से ट्रैल दर्रा पार कर लिया. दल के लीडर अरैब हसन ने बताया कि 28 सितंबर को उनका दल पिंडारी ग्लेशियर पहुंचा. दल के सदस्यों ने दर्रे को पार करने के लिए पिंडारी जीरो प्वॉइंट के पार पिनरी उड्डयार में बेस कैंप लगाया. एडवांस कैंप के बाद कैंप-1 स्थापित करने के बाद 200 मीटर रोप फिक्स कर पिंडारी ग्लेशियर में पहुंचे.