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पुलवामा अटैक: पूर्व सैनिकों की मांग, पैरामिलिट्री के जवानों को भी मिले शहीद का दर्जा

आर्मी की तरह अर्धसैनिक बल के जवान भी देश की आन-बान और शान के लिए अपना जीवन न्यौछावर करता है, लेकिन उनकी शहादत को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता. ऐसे में एक बार फिर पैरामिलिट्री के जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाने की मांग उठने लगी है.

पैरामिलिट्री के जवानों को भी मिले शहीद का दर्जा

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Published : Feb 15, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Feb 15, 2019, 7:57 PM IST

अल्मोड़ा:पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में शोक और गुस्सा देखने को मिल रहा है. इस हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हुए हैं, जिसमें से दो जवान उत्तराखंड के हैं. देशभर में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग भी उठने लगी है.

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बता दें कि आर्मी की तरह अर्धसैनिक बल के जवान भी देश की आन-बान और शान के लिए अपना जीवन न्यौछावर करता है, लेकिन उनकी शहादत को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता. ऐसे में एक बार फिर पैरामिलिट्री के जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाने की मांग उठने लगी है.

अल्मोड़ा में पूर्व सैनिक पैरामिलिट्री संगठन के अध्यक्ष एमएस नेगी ने कहा कि पैरामिलेट्री के जवान को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है. यह दुर्भाग्य है. उन्होंने भारत सरकार के निवेदन किया है कि पैरामिलेट्री के जवानों को भी बाकी सैनिकों की तरह शहीद का दर्जा दिया जाए.

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इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान मौजूद थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जितनी निंदा की जाय वह कम है. जिन सैनिको ने अपनी शहादत दी है उसका बदला तुरंत लिया जाना चाहिए. पाकिस्तान वह सांप है जो बार-बार डसने को आ रहा है. अब उसका फन अब कुचलने का वक्त आ गया है.

Last Updated : Feb 15, 2019, 7:57 PM IST

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