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पलायनः स्वास्थ्य और रोजगार बड़ी वजह, यहां जानिए किस पैटर्न की बात कर रहें है विशेषज्ञ - पलायन बना चिंता का विषय

जिले में पहाड़ों से हो रहे पलायन जैसे गम्भीर विषय और उसके समाधान को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहन से लेकर तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे.

पलायन को लेकर किया गया गोष्ठी का आयोजन

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Published : Jul 14, 2019, 5:39 PM IST

Updated : Jul 14, 2019, 7:10 PM IST

अल्मोड़ा: पहाड़ों से हो रहे पलायन और उसके समाधान पर अल्मोड़ा में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान, गोविंद बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान के निदेशक आर. एस. रावल समेत युवा और स्थानीय लोग मौजूद रहे. इस मौके पर डिप्टी ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि लगातार बंजर हो रही खेती और बेरोजगारी के कारण पहाड़ों से पलायन तेजी से बढ़ रहा है. अल्मोड़ा और पौड़ी जिले में सबसे अधिक संख्या में पलायन होना चिंता का विषय है.

पलायन को लेकर किया गया गोष्ठी का आयोजन

उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पलायन की सबसे बड़ी वजह है. जिसका आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी समाधान नहीं हो पाया है, लेकिन अब सरकार पलायन को लेकर गंभीर है. पलायन को रोकने के लिए पलायन आयोग भी गठित किया है, जिस पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है.

जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान के निदेशक आर एस रावल ने पलायन पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहाड़ों से हो रहे पलायन का समाधान पलायन के पैटर्न पर ही निर्भर है. पहाड़ों से चक्रीय पलायन नहीं हो रहा है अर्थात जो लोग यहां से बाहर गए वह वापस कम लौट रहे हैं, बल्कि बाहर ही बस जा रहे हैं. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इसका समाधान जो लोग बाहर गये हैं उन्हें पहाड़ों के प्रति प्रेम दिखाने से यहां पलायन में कमी आ सकती है.

Last Updated : Jul 14, 2019, 7:10 PM IST

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