अल्मोड़ा: ऐतिहासिक व सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का अपना एक इतिहास है. यहां हर त्यौहार बड़े उत्साह व परंपरा के साथ मनाए जाते हैं. पूरे देश में फागुन मास में होली मानने की परंपरा है, लेकिन अल्मोड़ा में होली की शुरुआत पौष माह की हाड़कंपा देने वाली ठंड से ही हो जाती है. ये होली पूरे देशभर में प्रसिद्ध है. यहां पुरुष जहां बैठकी होली पौष मास से प्रारंभ कर देते हैं, वहीं महिलाओं की होली शिवरात्रि से प्रारंभ हो जाती है.
Almora Ki Mahila Holi ने जमाया रंग, होलिकोत्सव में जमकर थिरकी आधी आबादी - अल्मोड़ा में होली के रंग
अल्मोड़ा को उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है. अल्मोड़ा की महिला होली बड़ी मशहूर है. इस बार भी अल्मोड़ा में दो दिवसीय महिला होलिकोत्सव मनाया गया.
अल्मोड़ा में महिला होली की धूम: संस्कृति को बढ़ावा देने और इसका प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से अल्मोड़ा की महिलाओं की महिला कल्याण संस्था पिछले 33 वर्षों से महिला होलिकोत्सव का आयोजन करती आ रही है. इस होलिकोत्सव में कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों की महिलाएं हिस्सा लेती हैं. खास बात यह है कि इसमें हिस्सा लेने वाले महिला दलों में सभी महिलाएं गृहणी होती हैं, जो अपने घरों से बाहर निकलकर संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को मंच पर प्रदर्शित करती हैं. इसे देखने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं.
होली गायन के साथ स्वांग है आकर्षण का केंद्र: होली गायन एवं नृत्य के साथ महिलाएं स्वांग भी प्रस्तुत करती हैं. जिसके माध्यम से वह सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष कर जहां एक स्वस्थ्य मनोरंजन करती हैं, वहीं लोगों को संदेश भी देती हैं. संस्था के द्वारा कराए जाने वाले होली महोत्सव में परंपरा एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आने वाली महिलाओं में सभी गृहणियां हैं. अल्मोड़ा में दो दिवसीय महिला होलिकोत्सव मनाया गया. इसमें कुमाऊं मंडल की 11 महिला होली टीमों ने भागीदारी की. महिला कल्याण संस्था की अध्यक्ष रीता दुर्गापाल ने बताया कि संस्था पिछले 33 वर्षों से इसका आयोजन कर रही है. इसका उद्देश्य अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार करना है.
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