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अनोखी मिसालः 14 साल से अलविदा जुमे का रोजा रखता है ये हिंदू परिवार

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में एसोसिएट डायरेक्टर अनंत गंगोला विगत 14 सालों से रमजान के आखिरी शुक्रवार यानी अलविदा जुमे का रोजा रखकर समाज को आपसी भाईचारे का संदेश दे रहे हैं. विगत 5 सालों से उनके साथ उनके दोनों बच्चे भी रमजान का आखिरी रोजा रख रहे हैं.

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल

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Published : Jun 1, 2019, 11:30 PM IST

अल्मोड़ा: जहां एक ओर आज देश में साम्प्रदायिक भेदभाव बढ़ने की बातें सामने आती हैं, वहीं इस दौर में ऐसे भी लोग हैं जो साम्प्रदायिक सौहार्द कायम करने की कोशिश में जुटे हैं. अल्मोड़ा जिले के रानीखेत निवासी एक हिन्दू परिवार पिछले 14 सालों से रमजान के आखिरी दिन रोजा रखकर हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल बना हुआ है.

हम बात कर रहे हैं रानीखेत के चौधरी गार्डन निवासी गंगोला परिवार की. अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में एसोसिएट डायरेक्टर अनंत गंगोला विगत 14 सालों से रमजान के आखिरी शुक्रवार यानी अलविदा जुमे का रोजा रखकर समाज को आपसी भाईचारे का संदेश दे रहे हैं. विगत 5 सालों से उनके साथ उनके दोनों बच्चे भी रमजान का आखिरी रोजा रख रहे हैं.

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अनंत गंगोला का कहना है कि सभी धर्मों के बीच आपसी प्रेम और भाईचारा बना रहना चाहिए. उनका कहना है कि यह सभी धर्मों के प्रति उनका सम्मान है. कई मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोग भी दीवाली एवं होली के पर्वों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

उन्होंने कहा कि समाज मे सौहार्द बढ़े और भाईचारा कैसे कायम हो इसके लिए वह 14 साल पहले मंथन किया और तब से वह रमजान के आखिरी जुमे को रोजा रखने लगे. उन्होंने बताया कि रमजान के महीने में ही उनके अजीज दोस्त जावेद का निधन हो गया था.

रोजा रखकर वह अपने अजीज दोस्त को याद भी कर लेते हैं. वह इन दिनों रानीखेत आये हुए हैं. शुक्रवार को उन्होंने अपने पुत्र अम्बर और पुत्री अवनि के साथ रोजा रखा.

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