नैनीताल: एनआईटी सुमाड़ी में स्थाई कैंपस निर्माण मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को एक बार फिर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही एनआईटी के निदेशक को शपथ पत्र पेश करने को कहा है. कोर्ट ने एनआईटी के निदेशक से पूछा कि नए सत्र में छात्रों को एनआईटी स्तर की सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं?
नैनीताल हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एनआईटी के स्थाई कैंपस निर्माण की समय सीमा न बताने को लेकर भी नाराजगी जताई है. मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोनों को जवाब पेश करने को कहा है.
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बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन 9 साल के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला. जिसको लेकर छात्र काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं. मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अभी छात्र जिस जगह पर पढ़ रहे हैं, वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो गई है और किसी भी वक्त बड़े हादसे का शिकार हो सकती है.
याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों में एक छात्रा की प्रदर्शन के दौरान हादसे में मौत हो गई थी. जबकि एक अन्य छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसका उपचार चल रहा है. लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करवाएं.