हल्द्वानी: सरकार गरीबों के लिए योजनाएं तो चलाती है, लेकिन अधिकारियों और विभागों की गलतियों के कारण या तो योजना असफल हो जाती है या उसका फायदा लोगों को देरी से मिलता है. ऐसा ही मामला लालकुआं से भी सामने आया है. जहां 2009 से चल रही आईएचएसडीपी स्कीम (इंदिरा गांधी हाउसिंग स्लम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट) दस साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है.
गौरतलब है कि लालकुआं नगर पंचायत में 2009 में आईएचएसडीपी को स्वीकृति मिली थी. जिसके तहत झुग्गी झोपड़ी और स्लम बस्ती में रह रहे 100 गरीब मजदूरों के लिए आवास बनाया जाना था. लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि जिन 100 गरीबों को यह आवास उपलब्ध होने थे, उनमें से 3 दर्जन से अधिक लोग इस योजना के अपात्र हो गए हैं. जिनके लिए फिर से नगर पंचायत गरीबों का सर्वे करा रहा है.