हलद्वानी:दिव्यांगों की सुविधा के लिए बनाया गया जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास कल्याण केंद्र खुद ही दिव्यांग हो चला है. वर्षो से दिव्यांगों को कोई उपकरण नहीं बांटे गए हैं.दिव्यांगों के कृत्रिम अंग बनाने के लिए लाई गई मशीन वर्षों से धूल फांक रही है. विभाग और प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
'अपंग' हुआ दिव्यांग एवं पुनर्वास कल्याण केंद्र दिव्यांगों की सुविधा के लिए हल्द्वानी के बेस अस्पताल में दिव्यांग एवं पुनर्वास कल्याण केंद्र की 2010 में स्थापना की गई थी. यहां कृत्रिम अंग बनाने की मशीनें भी लगाई गई थी. कई डॉक्टरों सहित कर्मचारियों की तैनाती भी हुई. 9 साल में दिव्यांग कल्याण केंद्र केवल तीन लोगों को कृत्रिम अंग उपलब्ध करा पाया है .कल्याण केंद्र में आने वाले दिव्यांगों को निराश होकर कृत्रिम अंग के लिए दिल्ली और जयपुर भटकना पड़ता है.नैनीताल जिले में मौजूदा समय में 5323 विकलांग समाज कल्याण विभाग दर्ज हैं.
तकनीकी स्टाफ नहीं होने के चलते वर्षों से मशीनें धूल फांक रही है. कमरों में ताला लटका है. दिव्यांग कला केंद्र में 12 तकनीशियन के पद स्वीकृत हैं. एक टेक्नीशियन और दो कर्मचारियों को भरोसे केंद्र चल रहा है. समाज कल्याण केंद्र केवल दिव्यांगों को रेल और बस पास और प्रमाण पत्र जारी तक ही सीमित है. जिला दिव्यांग पुनर्वास कल्याण केंद्र में अभी तक करीब 1500 दिव्यांगों को ही लाभ मिल पाया है, जिसमें 345 रेल पास ,470 बस पास और विकलांग प्रमाण पत्र जारी किया है.विभाग द्वारा दिव्यांगों को कृत्रिम अंग, व्हीलचेयर ,ट्राई साइकिल, सेंसर छड़ी, वैशाखी और कान की मशीन देने का प्रावधान है लेकिन दिव्यांग इन सुविधाओं के लिए इधर-उधर भटकते हैं.
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इस पूरे मामले में समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य का कहना है कि दिव्यांगों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा लगातार काम किया जा रहा है. सरकार भी दिव्यांगों के प्रति गंभीर हैं. समय-समय पर बजट जारी किया जाता है.दिव्यांगों को समय पर पेंशन भी उपलब्ध होता है. कृत्रिम अंग के लिए समय-समय पर कैंप भी लगाया जाता है.