देहरादून: प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरो शोरों से चल रही है. इन दिनों हर कोई चुनावी रंग में रंगा है. प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच ऐसी-ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जो कि अपने आप में काफी रोचक हैं. ईटीवी भारत लगातार पंचायत चुनाव से जुड़ी ऐसी ही छोटी-बड़ी खबरों को लगातार अपने पाठकों तक पहुंचा रहा है.
पंचायत चुनाव से जुड़ी रोचक जानकारियां. खन्नी गांव में नहीं मिल रहा प्रधान पद का प्रत्याशी
इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण तय किए जाने के बाद से ही हर जिले में अजीबोगरीब स्थिति सामने आ रही है. अब चमोली जिले के विकासखण्ड पोखरी के खन्नी गांव को ही ले लीजिए... यहां प्रधान पद के लिए प्रत्याशी ही नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण फिलहाल यहां चुनाव टल गए हैं. यहां छः महीने बाद दोबारा आरक्षण होने के बाद ही चुनाव होने की सम्भावनाएं जताई जा रही हैं.
प्रतिनिधि खुद ही कर रहे अपने कार्यकाल में हुए विकासकार्यों के जांच की मांग
रुद्रप्रयाग से भी पंचायत चुनावों में अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही हैं. यहां की एक प्रतिनिधि खुद अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की जांच की मांग कर रही है. है ना अजीबों गरीब... दरअसल घिमतोली-क्यूड़ी वॉर्ड से निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मी देवी ने जिला पंचायत सदस्य का नामांकन भरने के बाद कहा,- उन्होंने पंचायत सदस्य रहते हुए सभी विकास कार्यों को पूरी ईमानदारी से किया गया है. उन्होंने कहा भले ही मेरी बातें आम लोगों को राजनीतिक जुमले बाजी लगे लेकिन, मेरे क्षेत्र की जनता इसकी प्रत्यक्ष गवाह हैं. लक्ष्मी देवी का कहना है कि जिसे यकीन नहीं आता है तो वे बेझिझक मेरे कार्यकाल में हुए कार्यों की जांच करवा सकते हैं.
लक्ष्मी देवी का ये आत्मविश्वास काबिले तारीफ है. अक्सर जनप्रतिनिधि विकासकार्यों की जांच को लेकर या तो पीछे रहतें हैं या फिर छुपाने की कोशिश करते हैं. वहीं, लक्ष्मी का अपने कार्यों के प्रति इतना पादर्शिता और उदार होना वाकई लोकतंत्र के लिए शुभसंकेत है. ऐसे व्यक्तियों का गांव की राजनीति में पर्दापण वहां के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
पंचायत बनने से लेकर आज तक निर्विरोध हुआ प्रधान का चुनाव
प्रदेश में 5 अक्टूबर से पंचायत के चुनाव होने हैं . ऐसे में चुनाव की तैयारियां पूरे जोरों शोरों पर हैं. लेकिन प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है जहां पंचायत बनने से लेकर आज तक गांव के सभी प्रधान र्निविरोध चुने गए हैं. इस बार फिर से चुनाव होने से पहले ही प्रधान को चुन लिया गया है.
जखोली विकासखंड के ग्राम पंचायत बधाणी में आम बैठक में चौथी बार फिर से निर्विरोध प्रधान चुना गया. यहां के लोगों ने इन्द्रलाल को फिर से अपना प्रधान चुना है. बधाणी मे लगातार 15 सालों की एकता को जीवंत रखते हुए चौथे प्रधान के रुप में इन्द्रलाल को सर्वसम्मति से र्निविरोध प्रधान चुना गया. बता दें कि ग्राम पंचायत बधाणी का गठन वर्ष 2003 में हुआ था. जिसमें पहली प्रधान सम्पत्ति देवी, दूसरी बाद राम सिंह पंवार, उनके बाद उमेद सिंह और अब इन्द्रलाल को प्रधान चुना गया है.
गौरतलब है कि वि० खण्ड जखोली के पट्टी बांगर क्षेत्र में बधाणी ग्राम पंचायत अंतिम छोर पर एक छोटी पंचायत है. इस गांव में प्रेम-भाव इतना है कि यहां से अभी तक प्रधान पद पर र्निविरोध प्रक्रिया के साथ दो बार क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य भी बना चुके हैं.
पंचायत चुनाव से दूर रहेंगी नेपाल से आई बहुएं
उत्तराखंड के सीमांत जिलों में नेपाली मूल की बहुएं अब पंचायत चुनाव से दूर रहेंगी, जिसके लिए निर्वाचन आयोग ने जरुरी दिशा निर्देश जारी किये हैं. नेपाल से ब्याह कर उत्तराखंड में लाई गई बहुएं बिना भारतीय नागरिकता लिए पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. दरअसल, सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ जिले में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जहां नेपाल से शादी कर आई महिलाओं ने अपने ससुराल पक्ष के गांव में पंचायत चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की. इनका नाम पंचायत वोटर लिस्ट में भी शामिल है, लेकिन इनके पास भारतीय नागरिकता नहीं है. जिसके कारण इन्हें अब पंचायत चुनावों से दूर रहना पड़ेगा. ऐसे में ये महिलाएं न तो चुनाव लड़ पाएंगी और न ही वोट दे पाएंगी.