देहरादून: बीती 23 मार्च से प्रदेश में लॉकडाउन जारी है. ऐसे में हर कोई इन दिनों घरों में कैद है. बात अगर राजधानी देहरादून के ऑटो और रिक्शा चालकों की करें तो लॉकडाउन के कारण इनके हालात दिनों-दिनों खराब होते जा रहे हैं. लॉकडाउन के कई दिन बीत जाने के बाद भी इन्हें उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है. हालात ये हो गये हैं कि अब इनका सब्र, सहूलियतों और जरुरतों के आगे घुटने टेकने लगा है.
प्रदेश में कोरोना काल और लॉकडाउन के संकट के बीच परेशानियों से घिरे ऑटो और रिक्शा चालकों के परिवार औऱ उनकी परेशानियों को जानने के लिए ईटीवी भारत उनके बीच पहुंचा. जहां हमने इनके परिवारों के दुख को समझने के साथ साझा भी किया. मुलाकात में अपने दर्द की दास्तांन बयां करते हुए इन परिवारों ने जो भी कहा वो हर किसी को भावुक करने वाला था.
पढ़ें-यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर सीएम त्रिवेंद्र समेत कई नेताओं ने जताया दु:ख
लड़खड़ाती आवाज, आखों में नमी और चेहरे पर छाई बेबसी इनके हालातों को खुद ही बयां कर रही थी. बातों ही बातों में भावुक होते हुए ऑटो और रिक्शा ने बताया कि वे तो लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से ही बड़ी मुश्किल से गुजर बसर कर रहे थे, मगर लॉकडाउन 2.0 की घोषणा ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया. उन्होंने बताया उनका परिवार इन दिनों किसी तरह नमक रोटी खा कर जीने को मजबूर हैं.