देहरादून: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश होगा. जिसे इस बार वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी. इस बजट में विशेष पैकेज के लिए उत्तराखंड को केंद्र से काफी उम्मीदें हैं. बिजली, पानी, कृषि, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी जरूरतों में तेजी लाने के लिए प्रदेश को एक बड़ी धनराशि की जरूरत है.
इस बार उत्तराखंड में पर्यटन के लिए एक बड़े बजट की दरकार है. सभी जिलों में पर्यटन स्थलों को स्थापित करने के लिए और पुरानी स्वीकृत योजनाओं के लिए धन आवंटन की भी केंद्रीय बजट से उम्मीदें हैं. केंद्रीय बजट में शिक्षा के हालातों को सुधारने के लिए राज्य को करीब 1500 करोड़ की जरूरत होगी. जिसको लेकर कुछ प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार की तरफ से केंद्र को भेजा जा चुका है. इसमें स्कूली व्यवस्था के आधारभूत ढांचे को भी बदलने की जरूरत है.
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उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी एक बड़े बजट की जरूरत है. जिसको बिना केंद्र की मदद के पूरा नहीं किया जा सकता. राज्य में जिला स्तर पर अस्पतालों की सुदृढ़ व्यवस्था करने साथ ही केंद्रीय योजनाओं के बजट में भी बढ़ोतरी करने की जरूरत है. जिसमें करीब 1000 करोड़ से ज्यादा की जरूरत राज्य को होगी.
उत्तराखंड के ऊर्जा विभाग से जुड़े कामों को भी केंद्र से मदद की दरकार है. इस क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं से जुड़े कामों में तेजी लाने के लिए केंद्र से बजट की उम्मीद लगाई जा रही है सड़कों को बेहतर करने के लिए भी उत्तराखंड को केंद्र से मदद की खासा जरूरत है, इसमें करीब 3300 करोड़ रुपए के जरिए राज्य की विभिन्न सड़कों को सुधारा जा सकता है. साथ ही कुछ नए प्रस्तावों पर भी तेजी लाई जा सकती है.