वाराणसी:जनपद में कानून व्यवस्था बेहतर करने और आनलाइन ठग और साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने वाली टीम को कमिश्नर ने सम्मानित किया है. बीते जनवरी माह से अबतक साइबर सेल की टीम ने 6 शिकायतों को सुलझाकर धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों को 16 लाख रुपये से अधिक का रिफंड कराया है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने साइबर टीम के कार्य की प्रशंसा करते हुए सभी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. बता दें कि जालसाजी के शिकार ज्यादातर लोगों ने गूगल सर्च से मिले माेबाइल नंबर पर भरोसा कर अपने रुपये गंवाए थे.
साइबर क्राइम टीम ने यह 6 केस सुलझाए
केस नंबर- 1
2 मार्च 2022 को आनलाइन धोखाधड़ी के शिकार चौक निवासी आशीष कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आशीष ने बताया कि उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो कि जालसाजों का था. जालसाजों ने उसे अपने जाल में फंसाया था. केस को सुलझाते हुए साइबर क्राइम टीम ने 8 लाख 63 हजार रुपये बचा लिए थे.
केस नंबर- 2
कैण्ट निवासी सुनील कुमार के साथ भी ऐसी ही घटना हुई. उसने गूगल से आईसीआईसीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो कि जालसाज का था. ठग ने उसे जाल में फंसा लिया. साइबर टीम ने मामले में 54 हजार रुपये रिफंड करा लिए.
केस नंबर- 3
घौसाबाद निवासी करीम खान ने साइबर फ्राड की शिकायत दर्ज कराया. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो जालसाज का निकला. वह उसके झांसे में आ गया और स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनीडेस्क) डाउनलोड कराकर ठग ने उससे धोखाधड़ी कर ली. साइबर टीम ने इस मामले में 50 हजार रूपये को रिफंड करा लिए.
केस नंबर- 4
चौकाघाट निवासी ओमप्रकाश पुत्र जोखन ने साइबर सेल में को अपले साथ हुए फ्राॅड की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकालने पर वह ठग का शिकार हो गया. साइबर टीम ने पीड़ित को 49 हजार रूपये को रिफंड कराए.
केस नंबर- 5
सुन्दरपुर निवासी आकाश विश्वकर्मा भी साइबर फ्राॅड का शिकार हो गए. उन्होंने बताया कि क्रेडिट कार्ड अपडेट कराने के लिए एक फोन आया था. फोन करने वाला खुद को एसबीआई का कर्मचारी बता रहा था. उसकी बातों में आकर आकाश ओटीपी बता दिया. जिसके बाद वह ठगी का शिकार हो गया. इस मामले में साइबर टीम ने 45 हजार 531 रुपये रिफंड कराए.
केस नंबर- 6
प्रवेश कुमार पाण्डेय पुत्र राजनाथ पाण्डेय निवासी अर्दली बाजार ने साइबर सेल से फ्राॅड होने की शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि गूगल से आरबीएल बैंक कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो ठग का था और वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया. ठग ने उससे 1 लाख 2 हजार रुपये की धोखाधड़ी की. शिकायत के बाद रुपये का ट्रांसफर रुकवाया गया. साइबर टीम ने 60 हजार रुपये रिफंड करा दिए, जबकि शेष राशि रिफंड कराने की कार्यवाही चल रही है.
साइबर फ्राॅड से खुद को ऐसे बचाएं
1. बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, पिन, सीवीवी आदि किसी के साथ साझा नहीं करें.