वाराणसी: देश की अर्थअवस्था को नया आयाम देने के लिए जन उपयोगी सोच के पैमाने निर्धारित करने पर बल दिया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई योजना शुरु की है. स्ट्रायड (स्कीम फॉर ट्रांस- डीसीप्लीनरी रिसर्च फॉर इंडिया डेवलपिंग इकोनॉमी) स्कीम का उद्देश्य अंतर विषयक शोध को बढ़ावा देना होगा. बीएचयू में इसका नोडल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से कोई भी शिक्षण संस्थान मानव समाज विषय से जुड़े शोध का प्रस्ताव तैयार कर लगभग 5 करोड़ तक का अनुदान ले सकता है.
रिसर्च के लिए स्ट्रायड की जरुरत
स्ट्रायड की जरुरत इसलिए ज्यादा है क्योंकि हम सब जानते विज्ञान के विषय में शोध के लिए पर्याप्त अनुदान मिलता है. लेकिन मानविकी इस मामले में हमेशा उपेक्षित रहा है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था सामाजिक संरचना का अहम योगदान है. इस नाते सरकार ने मानविकी विषय में गुणवत्ता शोध की पहल की है. गांव को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि मोर्चे पर सुदृढ़ करने के लिए यूजीसी ने सिर्फ महाविद्यालयों राज्य विद्यालय में आधारभूत ढांचा खड़ा करने के लिए, बल्कि जन उपयोगी शोध के लिए भी आवश्यकता अनुदान उपलब्ध कराई कराएगी.
ईटीवी भारत ने यूजीसी के उपाध्यक्ष प्रो. भूषण पटवर्धन से खास बातचीत की
ईटीवी भारत में यूजीसी के उपाध्यक्ष प्रो भूषण पटवर्धन से खास बातचीत की उन्होंने बताया स्ट्रायड का क्या मतलब है. अलग-अलग डीसीप्लीनरी एक हो जाए. यह स्ट्रायड इसमें तीन कंपोनेंट है. पहला कंपोनेंट रिसर्च कैपेसिटी को बढ़ावा देना है. रिसर्च कैपिसिटी को बढ़ावा देने का कारण क्या है. कॉलेज और यूनिवर्सिटी जो स्टेट फंड कॉलेज और यूनिवर्सिटी है. उसमें रिसर्च की काफी कमियां हैं.