वाराणसीः जिले की एसटीएफ ने एक लाख रुपये के इनामी अपराधी दीपक वर्मा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. मठभेड़ चौबेपुर थानाक्षेत्र के बरियासनपुर गांव के पास रिंग रोड पर हुई. इसमें डिप्टी एसपी एसटीएफ शैलेश सिंह भी शामिल रहे.
आपको बता दें कि लक्सा थाना क्षेत्र का रहने वाला दीपक वर्मा एक शातिर अपराधी था. कैंट थाना में गैंगस्टर में वो निरद्ध था. इसके खिलाफ कई थानों में गंभीर अपराध के मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन वो जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से गंभीर अपराध में संलिप्त हो गया.
एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि एडीजी जोन ने बदमाश दीपक वर्मा पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी सहित वाराणसी में 23 मामले दर्ज थे. दीपक का नाम 2011 में तब सामने आया था. जब उसे लूट के आरोप में चेतगंज थाने की पुलिस ने जेल भेजा था. इसके बाद उसी वर्ष जेल से छूटने के बाद दीपक ने सिगरा थाना क्षेत्र में भी लूट को अंजाम दिया था. दीपक वर्मा 3 साल पहले बदमाशों की क्रास फायरिंग में मारे गए कुख्यात अपराधी रईस बनारसी का खास आदमी था. कयास लगाए जाते हैं कि जिस दिन रईस बनारसी की हत्या हुई, उस दिन उसे घायल अवस्था में लंगड़े हाफ़िज मस्जिद के दरवाजे पर छोड़कर जाने वाला घायल शख्स दीपक ही था.
अपराधी दीपक वर्मा की फाइल फोटो इसे भी पढ़ें- बिजनौर महिला खिलाड़ी हत्याकांड: मामले में DIG ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
वहीं नवंबर 2015 में वाराणसी के बीजेपी पार्षद शिव सेठ की हत्या में दीपक वर्मा का नाम आया और फिर उसके बाद वो पुलिस के हत्थे कभी नहीं चढ़ा. इसके बाद दीपक वर्मा का नाम जून 2016 में प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल के सामने हुए दोहरे हत्याकांड में सामने आया था. उसका नाम वाराणसी के लोहता क्षेत्र में हत्या के प्रयास और लक्सा क्षेत्र में रंगदारी के मामले में सामने आया था. डिप्टी एसपी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि बदमाश को गोली लगने के बाद मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है.