वाराणसी: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (Up Nikay Chunav) को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. प्रशासनिक स्तर पर वोटर लिस्ट बनाने से लेकर बूथ फाइनल करने और नए सीमा के विस्तार के बाद तमाम तैयारियां करने की प्लानिंग की जा रही है. इन सब के बीच राजनीतिक दल भी निकाय चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी इस चुनाव को भी विधानसभा, लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विकास के मुद्दे से जोड़ कर एक बार फिर से बड़ा राजनैतिक कार्ड खेलने की प्लानिंग में है. इसका जीता जागता उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में देखने को भी मिल रहा है, क्योंकि यहां पर निकाय चुनावों से पहले प्रधानमंत्री मोदी के आगमन की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. इसके लिए बाकायदा प्रधानमंत्री के दो दूत तरुण कपूर और तनमय मेहता वाराणसी में डेरा डाले हुए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार तरुण कपूर(Advisor Tarun Kapoor) पिछले दिनों वाराणसी में 2 दिन रह कर लगभग 57 परियोजनाओं की लिस्ट तैयार कर अपने साथ लेकर आए हैं. इस लिस्ट में कुछ काम पूरे हुए हैं, कुछ अभी बाकी हैं और कुछ ऐसे हैं, जिनका शिलान्यास होना है, कुछ ऐसे हैं जिनका लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं. माना जा रहा है कि दिसंबर के महीने में प्रधानमंत्री मोदी का आगमन भी निकाय चुनावों से पहले विकास कार्यों के जरिए बनारस में निकाय चुनाव (Municipal elections in Banaras) का बिगुल फूंकने का बड़ा मास्टर प्लान हो सकता है. हालांकि इस बारे में अधिकारी तो खुलकर बोलने से बच रहे हैं, लेकिन बीजेपी के लोग मान रहे हैं कि विकास कार्यों के बल पर निकाय चुनाव में बीजेपी जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएगी.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही हर चुनावों को गंभीरता से लेती है, चाहे लोकसभा हो, विधानसभा हो, निकाय चुनाव हो या फिर गांव की सरकार चुनने की तैयारी. इन सभी तैयारियों को मुकम्मल तौर पर आगे बढ़ाते हुए बीजेपी बड़े से बड़े नेताओं को मैदान में उतार देती है और इसके लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जैसे कद्दावर नेता भी पीछे नहीं होते और वाराणसी तो प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है. इसलिए इस बीजेपी के मजबूत किले को और मजबूती देकर आसपास के जिलों में निकाय चुनावों को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी दिसंबर में वाराणसी आ सकते हैं.